आगरा के ट्रैफिक प्रबंधन में बुनियादी बदलाव की जरूरत है: लीपा-पोती से समाधान नहीं होगा

Dharmender Singh Malik
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ब्रज खंडेलवाल द्वारा

हाल ही में, आगरा के ट्रैफिक पुलिस कैप्टेन्स ने शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए बैठक की, लेकिन पुराने सुझावों को ही दोहराया गया और ठोस निर्णय लेने से बचा गया।

आगरा की ट्रैफिक समस्या का मुख्य कारण लोगों की मोबिलिटी की आवश्यकताओं की अनदेखी करना और केवल वाहनों की आवाजाही पर ध्यान केंद्रित करना है। शहर में कोई ठोस मोबिलिटी प्लान नहीं है, और व्यस्त इलाकों में वाहनों की अनियंत्रित आवाजाही पर सवाल उठता है।

पैदल चलने वालों को अनदेखा किया जाता है, जिससे सड़क पर हिट एंड रन की घटनाएं बढ़ रही हैं। पुलिस जागरूकता बढ़ाने के लिए स्टेक होल्डर्स के साथ सहयोग नहीं करती और ज़ेबरा क्रॉसिंग का महत्व लोगों को नहीं बताया जाता। बेलनगंज चौराहा और जीवनी मंडी क्रॉसिंग के ट्रैफिक सिग्नल कभी काम नहीं करते, जबकि शो पीस पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं।

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पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कहीं भी ट्रैफिक फ्लो अवरुद्ध न हो। वन वे ट्रैफिक लागू करने में क्या कठिनाई है? अगर कार से यात्रा करनी है, तो लंबा रूट लेने में क्या हर्ज है?

दूसरा, किसी भी वाहन को कहीं भी यू-टर्न लेने की अनुमति न दें। तीसरा, लेन जंपिंग पर कड़ाई से रोक लगाएं।

केरल, गोवा, कर्नाटक और अन्य शहरों में संकरी सड़कों पर वन वे ट्रैफिक सुचारू रूप से चलता है। फिर आगरा में पुलिस ऐसा क्यों नहीं करती? दुकानदारों के दबाव में क्यों आती है? पेरिस और टोक्यो में सड़कें आगरा से भी संकीर्ण हैं, लेकिन वन वे ट्रैफिक के कारण फ्लो निरंतर बना रहता है।

आगरा के लोगों की मानसिकता ऐसी है कि वे अपनी कार को अपने घर के अंदर ले जाने का प्रयास करते हैं। न्यू यॉर्क में पार्किंग दूर होती है, और यूरोप में लोग मीलों पैदल चलते हैं। लेकिन आगरा में साइकिल या पैदल चलने वालों को सम्मान नहीं मिलता। यमुना किनारा रोड पर भारी वाहनों की आवाजाही 24 घंटे होती है। हालांकि, पुरानी परंपरा के अनुसार यमुना स्नान करने वालों की संख्या कम है, लेकिन इसके बावजूद हर दिन कुछ लोग ट्रैफिक अव्यवस्थाओं के शिकार होते हैं।

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अब समय है इस सोच को बदलने का। आगरा की ट्रैफिक समस्याओं का समाधान करने के लिए निम्नलिखित ठोस कदम उठाए जा सकते हैं:

1. अतिक्रमण हटाना:

अवैध अतिक्रमण पर कठोर कार्रवाई, विशेषकर व्यस्त क्षेत्रों में, ताकि सड़कें खुली रहें।

2. प्रभावी पार्किंग समाधान:

बाइक और कारों के लिए अलग स्थान के साथ स्पष्ट पार्किंग योजना बनाना और मल्टी-लेवल पार्किंग की व्यवस्था करना।

3. ट्रैफिक सिग्नल और सेंसिंग:

स्मार्ट ट्रैफिक सेंसर्स के साथ सिग्नल को अपडेट करना, जिससे ट्रैफिक का नियंत्रण आसान हो सके।

4. पुलिसिंग में सुधार:

ट्रैफिक पुलिस की संख्या बढ़ाना और उन्हें नियमित प्रशिक्षण देना।

5. जन जागरूकता अभियान:

ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाना।

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6. सड़क चौड़ीकरण और मरम्मत:

प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण और मरम्मत कराना।

7. परिवहन विकल्प:

सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करना, जैसे बस नेटवर्क और मेट्रो।

8. कई लेन और रोटरी का निर्माण:

आवश्यक स्थानों पर रोटरी और कई लेन का निर्माण करना।

9. ट्रैफिक कैलकुलेटर्स:

ट्रैफिक फ्लो की कुशलता के लिए डेटा एकत्रित करना।

10. इमरजेंसी और फायर सर्विस की राहें:

इमरजेंसी सेवाओं के लिए स्पेशल लेन का निर्माण करना।

इन उपायों को लागू करने से आगरा में ट्रैफिक समस्याओं में सुधार की उम्मीद की जा सकती है।

 

 

 

 

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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