1 जुलाई से लागू होंगे तीन नए कानून: देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बदलाव

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1 जुलाई से देश में तीन नए कानून लागू होंगे जो आपराधिक न्याय प्रणाली में बदलाव लाएंगे। ये कानून हैं:

भारतीय न्याय संहिता:

यह कानून विभिन्न अपराधों और उनकी सजाओं को परिभाषित करता है। इसमें महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधों के लिए कठोर सजा का प्रावधान है। इसमें आतंकवाद की व्याख्या भी की गई है और इसे दंडनीय अपराध बना दिया गया है।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता:

यह कानून आपराधिक कार्यवाही शुरू करने, गिरफ्तारी, जांच, आरोप पत्र, मजिस्ट्रेट के समक्ष कार्यवाही, संज्ञान, आरोप तय करने, प्ली बारगेनिंग, सहायक लोक अभियोजक की नियुक्ति, ट्रायल, जमानत, फैसला और सजा, दया याचिका आदि के लिए एक समय-सीमा निर्धारित करता है।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम:

इस कानून में दस्तावेजों की परिभाषा का विस्तार करते हुए इसमें इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकार्ड, ईमेल, सर्वर लॉग्स, कंप्यूटर पर उपलब्ध दस्तावेज, स्मार्टफोन या लैपटॉप के संदेश, वेबसाइट, लोकेशनल साक्ष्य को शामिल किया गया है।

इन कानूनों का मकसद विभिन्न अपराधों और उनकी सजाओं को परिभाषा देकर देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलना है। इन कानूनों से न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाने और महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी।

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