लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तिथि 25 अक्टूबर नजदीक है, लेकिन सपा और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। सपा ने अब तक सात सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं, जबकि खैर, गाजियाबाद और कुंदरकी सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा अभी बाकी है।
कांग्रेस ने उपचुनाव के लिए पांच सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का प्रस्ताव केंद्रीय नेतृत्व को भेजा था, लेकिन सपा खैर और गाजियाबाद सीट कांग्रेस को देने पर सहमत हुई है। कांग्रेस इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने के पक्ष में नहीं है। इसके अलावा, फूलपुर सीट को लेकर भी बातचीत चल रही है, जिसमें सपा इसे कांग्रेस को देने के लिए राजी नहीं हो रही है।
सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों दलों के नेताओं ने पहले ही स्पष्ट किया था कि वे गठबंधन में उपचुनाव लड़ेंगे। इस बीच, कांग्रेस ने संकेत दिया है कि वे सभी सीटें सपा के लिए छोड़ने पर विचार कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के नेता लगातार यह कह रहे हैं कि उनका मुख्य उद्देश्य भाजपा को हराना है और वे सपा के साथ गठबंधन को बनाए रखने के लिए तैयार हैं।
दिल्ली में आज होने वाली बैठक में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय शामिल होंगे। इस बैठक के बाद सीटों के बंटवारे की स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है।
दूसरी ओर, एनडीए में भी सीटों के बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ है। निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने मझवां और कटेहरी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने के लिए भाजपा के नेताओं से मुलाकात की है। उनकी इस बैठक के बाद भाजपा की उम्मीदवारों की सूची जारी होने की संभावना है।
उपचुनाव को लेकर चल रहे इन घटनाक्रमों से प्रदेश की राजनीतिक स्थिति और भी रोचक हो गई है, और सभी की नजरें आज की बैठक पर टिकी हैं।