मिर्ज़ापुर (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर जिले से एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहाँ कथित तौर पर ऊंची जाति के लोगों द्वारा अनुसूचित जनजाति (कोल) समुदाय के एक परिवार पर सिर्फ इसलिए हमला कर दिया गया क्योंकि वे अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर बारात देख रहे थे. पीड़ित परिवार ने पुलिस पर भी कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है.
मिर्ज़ापुर जिले के लालगंज कोतवाली क्षेत्र के पचोखर गांव की रहने वाली सरोजा देवी, जो राज नारायण की पत्नी हैं और कोल समुदाय से हैं, ने पुलिस अधीक्षक को एक शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने बताया कि 19 जनवरी 2025 की शाम करीब 6 बजे उनका बेटा अपने घर के दरवाजे पर खड़ा था, तभी पड़ोस के मिश्रा (ब्राह्मण) परिवार के लोगों ने उन्हें जातिसूचक गालियां दीं और कहा कि वे उनके घर के सामने क्यों खड़े हैं क्योंकि उनके घर में बारात आ रही है.
जब सरोजा देवी के बेटे ने कहा कि वे अपने ही दरवाजे पर खड़े हैं, तो मिश्रा परिवार के लोग घर के अंदर गए और लाठी-डंडों से लैस होकर वापस आए. उन्होंने सरोजा देवी के घर में घुसकर उनके साथ मारपीट की. आरोप है कि उन्होंने सरोजा देवी के बाल पकड़कर उन्हें घसीटा और लात-घूंसों से पीटा. उनकी साड़ी खींचकर उन्हें अपमानित करने की कोशिश की गई. बीच-बचाव करने आई उनकी देवरानी सुनैना और रम्भा को भी पीटा गया.
पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप
पीड़िता सरोजा देवी का आरोप है कि हमलावर प्रभावशाली लोग हैं, जिसके कारण उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने लालगंज थाने में भी शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने पुलिस अधीक्षक से मिलकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने और अपनी जान-माल की सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है.
पुलिस की प्रतिक्रिया
पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
पीड़िता का परिचय
गौरतलब है कि पीड़िता सरोजा देवी मिर्ज़ापुर के छानबे विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक स्वर्गीय भाईलाल कोल की पुत्रवधू हैं.