फर्जी सर्वे के आधार पर धनाढ्यों को भी मिली गरीबों वाले आवास की पहली किस्त, आने वाली है दूसरी किस्त
पवन चतुर्वेदी
एटा। प्रधानमंत्री आवास योजना गरीबों को आवास देने के लिए शुरू की गई थी , लेकिन एटा जिले में यह अपने मूल उद्देश्य से भटकती नजर आ रही है और भ्रष्टाचार का घुन इसे खा रहा है।
एटा जिले की नगर पालिका परिषद मारहरा के वार्ड संख्या 25 के सराय बूले खां में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है ।
यहां साधन संपन्न अमीरों को भी प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास की पहली किस्त मिल चुकी है एवं दूसरी किस्त मिलने वाली है ।
जिला नगरीय विकास अभिकरण एटा द्वारा चयनित लाभार्थियों में धनाढ्य एवं साधन संपन्न लोगों के भी नाम हैं , जिनके पास अच्छी खासी संपत्ति है , नगर पालिका परिषद मारहरा के वार्ड संख्या 25 के सराय बूले खां में प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्रों के चयन में राजस्व लेखपालों का बड़ा रोल रहा है , नाम न छापने की शर्त पर लोगों ने बताया कि चयन के समय एक राजस्व लेखपाल ने गांव में रिश्तेदारी के चलते जमकर उगाही की एवं उसी की मेहरबानी से अपात्रों के भी नाम इस सूची में आ गए हैं ।
इस सूची में आवास प्राप्त करने वालों में मुल्लोदेवी पत्नी नत्थू सिंह का भी नाम है , जिनका विवाह कई वर्ष पूर्व अलीगढ़ जिले के रहने वाले नत्थू सिंह से हुआ था और वहां भी उनके ससुराल में अचल संपत्ति है और यहां भी लगभग 9 बीघा खेत की यह मालिक बताई जाती हैं ।
इसी प्रकार आवास योजना में चयनित रामदेवी पत्नी छत्रपाल की स्थिति और भी अधिक चौंकाने वाली है , रामदेवी के पति छत्रपाल के पास लगभग 21 बीघा भूमि बताई जाती है एवं इनका पहले से ही दो मंजिल का बहुत बड़ा मकान बना हुआ खड़ा है , इनके अतिरिक्त मंजू देवी पत्नी वीरेंद्र का चयन भी इस योजना में हुआ है, जबकि वीरेंद्र के पास एक बहुत अच्छा खासा पक्का मकान बना हुआ खड़ा है। ठीक इसी तरह किरन कुमारी पत्नी नवल किशोर उर्फ नवलेश का भी पहले से दो मंजिल का पक्का मकान बना हुआ खड़ा है। , ऐसे कई अन्य संदिग्ध पात्रों के नाम भी इस सूची में हैं , जिनके योजना में चयन होने से पहले ही एक मंजिल और दो मंजिल के पक्के आवास बने हुए खड़े हैं ।
प्रधानमंत्री आवास योजना में हुए इस घोटाले में फर्जी पात्रों का चयन करने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही एवं अपात्रों से सरकारी धन की वसूली होनी चाहिए , इस घोटाले में बड़ी एवं प्रभावी कार्यवाही की आवश्यकता है जिससे भविष्य में कोई ऐसा घोटाला करने का साहस न करे और गरीबों के हक से खिलवाड़ ना हो।