आजम के करीबी चार्टर्ड एकाउंटेट के घर-दफ्तर पर भी छापा मारा गया
लखनऊ । सपा महासचिव व पूर्व मंत्री आजम खान और उनके करीबियों के ठिकानों पर लखनऊ, रामपुर और मेरठ में आयकर विभाग के छापे की कार्रवाई कर रही है। आयकर की टीमें पांच हजार करोड़ का हिसाब तलाश रही हैं। जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़े इन निवेशों के दस्तावेज नहीं मिल रहे हैं। इसके लिए ही आयकर विभाग ने दूसरे दिन भी रामपुर से लेकर लखनऊ तक कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट से पूछताछ शुरू की है।
लखनऊ में गोलागंज के बाद चिनहट और गोमती नगर में भी आजम के करीबी चार्टर्ड एकाउंटेट के घर-दफ्तर पर छापा मारा गया है। जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़े आय और व्यय के बारे में लम्बे समय से आयकर अफसर छानबीन कर रहे हैं। इस बारे में अब तक हुई पूछताछ में कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है।
आयकर सूत्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय के पास बड़े पैमाने पर धन पसर्नल लोन के रूप में आया, यह दर्शाया गया है। यदि लोन है तो उसका भुगतान भी होना चाहिए। वह दस्तावेजों में कहीं नजर नहीं आता। टीडीएस भी नहीं काटा गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि यह लोन ही था अथवा नहीं।
अब तक की पूछताछ में आजम खां के करीबी कोई ठोस जवाब नहीं दे सके। आयकर ने विधायक और जौहर ट्रस्ट के पदाधिकारी नसीर खां के करीबियों पर भी छापेमारी के दूसरे दिन शिकंजा कस दिया है। इसी ट्रस्ट के अधीन जौहर यूनिवर्सिटी और रामपुर पब्लिक स्कूल का संचालन होता है।
सपा नेता आजम खां खुद मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के पूर्णकालिक अध्यक्ष हैं। आयकर सूत्रों ने बताया कि शक की बड़ी वजह पर्सनल लोन के पुनर्भुगतान (री-पेमेंट) का हिसाब किताब न मिलना है।
लगातार पूछताछ और सर्च के बावजूद भी इससे जुड़े दस्तावेज नहीं मिल सके हैं।उआयकर के अधिकारियों को उम्मीद नहीं थी कि इस छापेमारी के लिए मौके पर पहले से तैयारी मिलेगी।
आयकर सूत्रों के अनुसार छापेमारी से आजम या उनके किसी करीबी को जरा भी हैरत नहीं हुई। जैसे उनको पहले से अंदेशा था। क्या सवाल पूछे जा सकते हैं, उनके जवाब भी पहले से तैयार थे। जो आयकर अधिकारी जानना चाहते हैं, उन सवालों के जवाब लाख घुमाने-फिराने के बाद भी हासिल नहीं हुए।