UP News:आगरा में युवा पीढ़ी तेजी से नशे के प्रभाव में आ रही है, जो अमीर कारोबारियों के बच्चों द्वारा सप्लाई की जा रही नशे की सामग्री का परिणाम है। युवा हिमाचल प्रदेश के विभिन्न शहरों में ट्रिप पर जाकर स्मैक और चरस जैसे नशे लाते हैं। यह नशा उन्हें अपराधों जैसे चोरी और लूटपाट में भी शामिल कर रहा है। मनाला, एक पर्यटन स्थल, नशे के कारोबार का मुख्य केंद्र बन चुका है, जहां गेस्ट हाउस और डिस्को में नशे की बिक्री हो रही है। पुलिस ने तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की है, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है। नशे का सेवन स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है, जिससे युवा मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर हो रहे हैं। इस समस्या का समाधान केवल सरकारी प्रयासों से नहीं, बल्कि परिवार और समाज की सक्रिय भागीदारी से ही संभव है।
आगरा: शहर में युवा पीढ़ी का एक बड़ा हिस्सा नशे के प्रभाव में आ चुका है। हुक्का बार और नशे की दुकानें युवाओं के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई हैं। यह स्थिति अब इतनी गंभीर हो चुकी है कि लोग इसे 1971 में आई फिल्म “हरे रामा हरे कृष्णा” के गाने “दम मारो दम” से जोड़ने लगे हैं। दरअसल, आज की युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में जकड़ी हुई है, जिसका मुख्य कारण है शहर में चल रहा नशे का कारोबार।
हिमाचल से आने वाली नशे की सप्लाई
शहर के कई युवा, जो अक्सर अमीर परिवारों से हैं, हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग शहरों में ट्रिप पर जाते हैं। वहां से वे नशे की सामग्री, जैसे स्मैक और चरस, आगरा में लाते हैं। इन युवाओं ने स्मैक (जिसे मनाला क्रीम भी कहा जाता है) की तस्करी करने के नए तरीके खोज लिए हैं। यह युवा अपने दोस्तों के साथ ट्रिप पर जाते हैं और वहां से अपने साथ नए नशेड़ियों को लाते हैं, जो बाद में नशे के आदी हो जाते हैं।
नशे का कारोबार और इसके प्रभाव
शहर में नशे के सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति ने समाज को गंभीर संकट में डाल दिया है। युवा लोग अब 10 रुपए के इंजेक्शन और नशीली गोलियों का सेवन कर रहे हैं। इसकी वजह से वे चोरी, लूटपाट और मारपीट जैसे अपराधों में लिप्त हो रहे हैं। पिछले दो वर्षों में क्षेत्र में हुई वारदातों में युवाओं की संलिप्तता ने पुलिस के लिए चुनौती बढ़ा दी है।
मनाली का नशा
मनाली, जो कि एक पर्यटन स्थल है, वहां पहुंचने के लिए युवाओं को कठिनाई झेलनी पड़ती है, लेकिन नशे की तलाश में वे यह सब सहन करने को तैयार रहते हैं। मनाला में स्थित गेस्ट हाउस और डिस्को में नशे का कारोबार जोरों पर है। पुलिस की अनदेखी से यह स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है। एक तोला मनाला क्रीम की कीमत लगभग 8000 रुपये होती है, और एक सिगरेट की कीमत 800 रुपये होती है।
पुलिस की कार्रवाई
आगरा पुलिस और अन्य सुरक्षा बल नशे के तस्करों पर नजर रखे हुए हैं। कुछ तस्करों को गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने स्वीकार किया कि वे शहर में नशे की सप्लाई कर रहे थे। यह स्थिति न केवल युवा पीढ़ी के लिए, बल्कि उनके परिवारों और समाज के लिए भी गंभीर खतरा बन गई है।
नशे का खतरनाक प्रभाव
नशे का सेवन स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। नशेड़ियों को अपने आस-पास की दुनिया से कोई सरोकार नहीं रहता और वे किसी भी अपराध को करने के लिए तैयार हो जाते हैं।
युवाओं का नशे के दलदल में धंसना समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। इस समस्या का समाधान केवल सरकारी प्रयासों से नहीं हो सकता, बल्कि परिवार और समाज को भी आगे आकर इस मुद्दे को सुलझाना होगा। जागरूकता और शिक्षा ही इस समस्या से निपटने का सही उपाय है। यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकार में चला जाएगा।