उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक अनोखी प्रेम कहानी सामने आई है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है। यहां एक लड़की ने अपने प्रेमी से शादी करने के लिए न केवल बालिग होने का इंतजार किया, बल्कि जब घरवालों ने विरोध किया तो वह थाने में ही जाकर शादी रचाने पर अडिग रही। यह दिलचस्प मामला कानपुर के घाटमपुर क्षेत्र का है, जहां एक लड़की और लड़के ने परिवारिक दबावों को नकारते हुए थाने में शादी कर ली।
बबली और महेश की प्रेम कहानी
घाटमपुर क्षेत्र की रहने वाली बबली और पड़ोस के गांव के महेश के बीच लंबे समय से प्रेम संबंध थे। दोनों एक-दूसरे को बहुत चाहते थे और शादी करना चाहते थे, लेकिन बबली की उम्र उस समय 18 साल से कम थी। नाबालिग होने के कारण वह शादी करने में असमर्थ थी और यह डर भी था कि अगर शादी कर ली तो उन्हें पुलिस के झंझटों का सामना करना पड़ेगा। इस स्थिति को समझते हुए, बबली ने महेश के साथ फैसला किया कि वह अपने बालिग होने का इंतजार करेगी और फिर शादी करेगी।
18 साल की होते ही पहुंच गई प्रेमी के घर
31 दिसंबर 2022 को बबली ने जैसे ही 18 साल की उम्र पूरी की, उसने तुरंत महेश से शादी करने का मन बना लिया। वह महेश के घर पहुंच गई और शादी के लिए अपने कपड़े लेकर आई। हालांकि, महेश शादी के लिए तैयार था, लेकिन उसके परिवारवालों ने इसका विरोध किया। बबली और महेश के रिश्ते से असहमत होकर महेश के परिवारवालों ने बबली को घर से बाहर कर दिया।
थाने में पहुंचा मामला
महेश के परिवारवालों द्वारा विरोध किए जाने पर बबली और महेश दोनों ने थाने जाने का फैसला किया। दोनों थाने में पहुंचे और अपनी आपबीती पुलिस को सुनाई। मामले की गंभीरता को समझते हुए घाटमपुर पुलिस ने एसीपी रंजीत कुमार को मामले की जानकारी दी। एसीपी ने दोनों परिवारों को थाने बुलाकर उनके बीच मीटिंग करवाई।
परिवार वालों की सहमति के बाद थाने में हुई शादी
मामला जब थाने पहुंचा, तो बबली अपनी जिद पर अड़ी हुई थी और शादी के लिए तैयार थी। वह यहां तक कहने लगी कि अगर शादी नहीं हुई तो वह जान दे देगी। बबली की दृढ़ता और दोनों के प्रेम को देखते हुए, अंततः परिवार वाले भी मान गए। पुलिस ने दोनों को शादी की अनुमति दे दी और फिर थाने के अंदर स्थित एक मंदिर में दोनों ने शादी रचाई। शादी के बाद, दोनों ने एक-दूसरे को फूलों की माला पहनाई और भगवान को साक्षी मानकर पति-पत्नी के रूप में अपनी नयी जिंदगी की शुरुआत की।
प्रेमी जोड़े की शादी चर्चा का विषय
बबली और महेश की शादी अब पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई है। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि प्रेम सच्चा होता है, और अगर कोई चीज़ दिल से चाही जाए तो वह किसी भी कठिनाई को पार कर सकती है। इस अनोखी प्रेम कहानी ने समाज के भीतर पारंपरिक सोच को भी चुनौती दी है।
हालांकि, इस शादी ने कई सवाल भी उठाए हैं, जैसे क्या परिवार की सहमति के बिना कोई भी व्यक्ति थाने में जाकर शादी कर सकता है, और क्या इस प्रकार की शादी कानूनी दृष्टि से सही है? फिर भी, यह एक प्रेमी-प्रेमिका के बीच के सच्चे रिश्ते को प्रदर्शित करता है, जिसमें दोनों ने अपने प्रेम को परिवार और समाज की सीमाओं से ऊपर रखा।
कानपुर का यह अनोखा मामला न केवल एक प्रेम कहानी को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि समाज की परंपराएं और परिवारों का दबाव कभी-कभी सच्चे प्यार के आगे हार मान लेते हैं। बबली और महेश की तरह कई प्रेमी जोड़े आज भी अपनी जिंदगी के फैसले खुद लेने की कोशिश कर रहे हैं और इसने हमें यह सिखाया कि अगर दिल से चाहो, तो कोई भी रुकावट नहीं रोक सकती।