डा. भीमराव अंबेडकर विवि में परीक्षा केंद्र बदलने के विवाद ने राजनीति का रूप लिया। दो नेताओं की अदावत के चलते छात्रों को परीक्षा में परेशानियों का सामना करना पड़ा।
आगरा: डा. भीमराव अंबेडकर विवि की परीक्षा प्रक्रिया राजनीति की शिकार हो गई है। दो दिग्गज नेताओं की अदावत का खामियाजा विवि के छात्रों और कर्मचारियों को भुगतना पड़ा है। दरअसल, परीक्षा के दौरान एक परीक्षा केंद्र अचानक बदल दिया गया, जिससे बड़ी संख्या में छात्र परीक्षा में बैठने से वंचित रह गए।
घटना गुरुवार रात की है जब डा. रामेश्वर चौधरी का किरावली स्थित चौधरी रघुनाथ सिंह महाविद्यालय का परीक्षा केंद्र सीके कॉलेज से बदलकर महाराणा प्रताप कॉलेज कर दिया गया। इस बदलाव की सूचना कई छात्रों को नहीं मिल पाई, जिससे उनकी परीक्षा छूट गई। यह समस्या तब और बढ़ गई जब विधायक चौधरी बाबूलाल छात्रों और अभिभावकों के साथ कुलपति आवास पर पहुंचे और अपनी नाराजगी जताई।
कुलपति ने पहले तो अनिभिज्ञता जाहिर की, लेकिन बाद में यह मामला बढ़ने पर उन्होंने परीक्षा नियंत्रक पर सारा आरोप डाल दिया। इसके बाद मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र के दो प्रमुख नेताओं की अदावत का यह मामला बताया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि एक माननीय नेता ने रात के समय कुलपति के आवास पर पहुंचकर दबाव डाला और परीक्षा केंद्र को बदलवाया।
इस घटनाक्रम के बाद परीक्षा नियंत्रक ने कुलपति के फैसले पर नाराजगी जताई और कहा कि यह हस्तक्षेप उनकी कार्यप्रणाली में बाधा डालता है। इस मामले को लेकर कुलपति और परीक्षा नियंत्रक दोनों ही शासन और राज्यपाल को रिपोर्ट भेजने की तैयारी कर रहे हैं।
आखिरकार, जिन छात्रों की परीक्षा छूट गई थी, उन्हें तीसरी पाली में सीके महाविद्यालय में परीक्षा देने का अवसर मिला।
यह घटना डा. भीमराव अंबेडकर विवि में प्रशासनिक व्यवस्था की कमजोरी और राजनीति के दखल का उदाहरण बन गई है। विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई और भविष्य की चिंता छोड़कर इस तरह की राजनीति के शिकार बनना पड़ा, जो विवि प्रशासन की प्रतिष्ठा पर सवाल उठाता है।