शिकायत के बाबजूद भी कार्यवाही करना नहीं समझा जरूरी
आगरा।जनपद में अवैध हॉस्पिटल से लेकर पैथोलॉजी के खिलाफ कार्रवाई का दावा करने वाला स्वास्थ्य विभाग खेरागढ़ में एक अवैध पैथोलॉजी लैब संचालक के रसूख के आगे नाकाम साबित हो रहा है। डंके की चोट पर अवैध पैथोलॉजी संचालित हो रही है, लेकिन विभाग को मौके पर दिखाई नहीं देती।
बताया जाता है कि तीन माह पूर्व सीएमओ कार्यालय में शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की गई थी। शिकायत के मुताबिक अंशुल पैथोलॉजी बिना किसी चिकित्सकीय मान्यता के संचालित है। उसके पास बायो मैडिकल वेस्ट से लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अग्निशमन समेत किसी विभाग की एनओसी नहीं है। बायो मैडिकल वेस्ट को खुले में फेंककर संक्रमण को निमंत्रण दिया जा रहा है। पैथोलॉजी रिपोर्ट पर डिग्रीधारी चिकित्सक के फर्जी दस्तखत अंकित किए जा रहे हैं। रिपोर्ट करवाने आने वाले मरीजों को भ्रमित कर फर्जी रिपोर्ट थमाई जा रही है।
बताया जा रहा है कि शिकायत का संज्ञान लेकर शुरूआत में उच्चाधिकारी ने स्थानीय स्वास्थ्य विभाग अधिकारी को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। स्थानीय अधिकारी की कथित मिलीभगत से कार्रवाई आज तक संभव नहीं हुई। सूत्रों के अनुसार कुछ दिनों पूर्व कथित रूप से लेनदेन करके पैथोलॉजी संचालक को अभयदान दे दिया गया। बड़ा सवाल आखिर यह है कि वर्षों से पैथोलॉजी संचालित होती रही, बिना मान्यता के मरीजों को फर्जी रिपोर्ट दी जाती रही। विभाग ने इसका संज्ञान लेना क्यों जरूरी नहीं समझा।
यह स्थिति न केवल स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य को भी खतरे में डालती है। जरूरत है कि उच्च अधिकारी इस मामले में संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।