– आरसी पर लगने वाले जुर्माना की राशि को अवस्थापना राशि मे किया जाता है शामिल
-आरसी की राशि का 15 प्रतिशत किया जाएगा खर्च
– जिले में सवा चार लाख से अधिक हैं बिजली उपभोक्ता
मथुरा। ग्रामीण क्षेत्र हो या फिर शहरी, जहां भी बिजली के जर्जर तार या फिर खंभे हैं, अब उनको दुरुस्त किया जाएगा। इसके लिए विद्युत विभाग अलग से कोई धनराशि जारी नहीं करेगा। अवस्थापना राशि से धनराशि खर्च की जाएगी। इसको लेकर शासन ने आदेश जारी कर दिया है, लेकर अब जिला स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है।
दरअसल, अभी तक जर्जर तार और खंभों के लिए शासन से बजट स्वीकृत होता था, जिसके बाद जिला स्तर पर जर्जर तार बदलने का कार्य किया जाता था। लेकिन अब शासन ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें उन्होंने विभागीय अधिकारियों को साफ निर्देशित किया है कि वह अपने जिले की विद्युत अवस्थापना राशि से जर्जर तारों को दुरुस्त करा सकते हैं। आदेश में कहा गया है कि जिले में जो उपभोक्ता बिजली का बिल जमा नहीं करते हैं, उनकी आरसी जारी की जाती है। आरसी जारी होने के बाद वसूल होने वाले जुर्माने से 15 फीसद राशि जर्जर तार बदलने में खर्च की जाएगी। जिले में सवा चार लाख से अधिक बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें से हजारों ऐसे उपभोक्ता हंै, जो बिजली का बिल जमा नहीं कर रहे हैं। जिनसे बिजली का बिल वसूलने के लिए विभाग की ओर से चेकिंग अभियान चलाए जा रहे हैं। बिजली के कनेक्शन काटे जा रहे हैं। इतना सब होने के बाद भी जो उपभोक्ता बिजली का बिल जमा नहीं कर रहे हैं। उनकी आरसी जारी की जा रही हैं। अधीक्षण अभियंता ग्रामीण अजय गर्ग ने बताया कि शासन का आदेश प्राप्त हुआ है कि आरसी जारी होने से वसूल किए जाने वाले जुर्माने की 15 फीसद की धनराशि से जर्जर तार बदलने का कार्य किया जाए। जहां भी जर्जर तार है, उनको चिन्हित किया जा रहा है