सुमित गर्ग
आगरा। खेरागढ़ के एक घर से 421 डेटोनेटर के साथ 242 किलो बारूद मिला है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने बताया कि बारूद इतना ज्यादा है कि इससे पूरा गांव तबाह हो सकता है। आरोपियों का कहना है कि बारूद का इस्तेमाल वो अवैध खनन में करते हैं। राजस्थान से विस्फोटक खरीदकर लाते थे। आरोपियों के कनेक्शन कहां तक और किससे है? इन सारे जवाबों को लेकर पुलिस जांच कर रही है। मामला थाना खेरागढ़ क्षेत्र के मिर्चपुरा का है।
प्रभारी इंजार्ज एसीपी खेरागढ़ पीयूष कांत राय ने बताया कि मुखबिर से मिर्चपुरा गांव में भारी मात्रा में विस्फोटक होने की जानकारी मिली थी। मंगलवार को थाना प्रभारी खेरागढ़ राजीव कुमार, एसआई राजीव कुमार, विमल कुमार, हेड कॉन्स्टेबल धर्मेंद्र कुमार ने बम-डॉग स्क्वायड और फायर ब्रिगेड टीम के साथ संदिग्ध बंटू के घर में छापा मारा। घर से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ है। साथ ही वहां से बंटू, किशन सिंह और प्रेम सिंह को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस के अनुसार आरोपियों के पास से करीब सात किलो वजन के ढाई पैकेट स्लरी एक्सप्लोसिव क्लास 02zz, 140 ग्राम अमोनियम फास्फेट सल्फेट, 95 किलो विस्फोटक ब्लैक दाना, 10 बंडल सेफ्टी फ्यूज, 2 बंडल लाल रंग का डेटोनिंग कार्ड, 421 नग डेटोनेटर बरामद हुआ है।
थाना प्रभारी राजीव सोलंकी के मुताबिक, पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि वो अरावली की पहाड़ियों में विस्फोट कर पत्थर का खनन करते थे। टूटे पत्थरों को बेचकर वह अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। इनके तार और कहां जुड़े हैं, इसके बारे में जानकारी की जा रही है। तीनों के खिलाफ संगीन धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विस्फोटक ब्लैक एंड व्हाइट दो कलर का था। एक अमोनियम सल्फेट और दूसरा काला और दानेदार था। विस्फोटक का नमूना एफएसएल को भेजा गया है। थाना प्रभारी ने बताया कि मकान में विस्फोटक को छिपाकर रखा हुआ था। इसके साथ डेटोनेटर भी रखा हुआ था। अगर विस्फोट हो जाता तो बहुत बड़ा नुकसान हो सकता था।
क्या है डेटोनेटर
डेटोनेटर वह उपकरण (डिवाइस) है, जो बम को सक्रिय करता है। इसे हम बम का ट्रिगर भी कह सकते हैं। इसका इस्तेमाल गड्ढा खोदकर छुपाए गए बमों आईईडी (इम्प्रोवाइज एक्सप्लोजिव डिवाइसेस) में किया जाता है। डेटोनेटर से बम की विस्फोटक क्षमता बढ़ जाती है। नक्सली आमतौर पर ऐसे ही बमों का उपयोग करते हैं। वैसे, डेटोनेटर भी अपने आप में एक बम ही है। यदि इस पर पैर लग जाए तो वह हमेशा के लिए खराब हो सकते हैं। डेटोनेटर चार प्रकार के होते हैं। आर्डिनरी डेटोनेटर, इलेक्ट्रिकल डेटोनेटर, नॉन-इलेक्ट्रिक डेटोनेटर और इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर।
राजस्थान में आसानी से उपलब्ध हो जाता है डेटोनेटर और बारूद
राजस्थान में डेटोनेटर और बारूद खरीदना काफी आसान है। साथ ही अगर कोई इन्हें लेकर एक जगह से दूसरी जगह जाता है, तो उससे पूछने वाला भी कोई नहीं है। 3,500 रुपए में 25 किलोग्राम डेटोनेटर राजसमंद में आसानी से मिल जाता है। उदयपुर जिले के ओड़ा, सिंघटवाड़ा, केवड़ा, रेला, पलोदड़ा, देवाला और एकलिंगपुरा जैसी जगहों पर 25 किलोग्राम की पेटी 3,500 से 6,000 रुपए में मिल रहे हैं। डेटोनेटर के सप्लायर जितनी मर्जी उतनी आपूर्ति दे देते हैं।
राजस्थान के अधिकांश जिलों में डेटोनेटर अवैध रूप से बिक रहा
बता दें कि डेटोनेटर को लाइसेंस होने पर ही खरीदा जा सकता है। इसे खनन करने वाली कंपनियां आमतौर पर इस्तेमाल करती हैं। केंद्र और राज्य सरकार के सख्त निर्देश हैं कि इनकी खरीद-बिक्री का रिकॉर्ड ऑनलाइन दर्ज करना जरूरी होता है। हालांकि, राजस्थान के अधिकांश जिलों में डेटोनेटर अवैध रूप से बिक रहे हैं और इसकी जानकारी छिपा ली जाती है।