रेडियो ऑपरेटर के 936 पदों के लिए 40 हजार अभ्यर्थियों ने दी थी परीक्षा, हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया को लेकर दिया अहम फैसला

Deepak Sharma
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लखनऊ: 2022 में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा रेडियो ऑपरेटर के 936 पदों पर भर्ती के लिए एक परीक्षा आयोजित की गई थी। इस भर्ती प्रक्रिया में लगभग 40 हजार अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। अब इस भर्ती में योग्यता मानकों के बदलाव को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय सामने आया है। उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि पुलिस भर्ती बोर्ड को योग्यता मानकों में बदलाव करने का अधिकार नहीं है, और ऐसे बदलाव केवल शासन स्तर पर ही किए जा सकते हैं। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब भर्ती बोर्ड को नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया को शुरू करना होगा।

पुलिस भर्ती बोर्ड की घोषणा

2022 में पुलिस भर्ती बोर्ड ने रेडियो ऑपरेटर के कुल 936 पदों पर भर्ती निकाली थी। भर्ती के विज्ञापन में स्पष्ट रूप से यह बताया गया था कि इन पदों के लिए आवेदन करने के लिए डिप्लोमा होना आवश्यक है। हालांकि, भर्ती बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष ने एक प्रस्ताव पारित कर दिया था, जिसके तहत डिग्री धारक भी इन पदों के लिए आवेदन करने के योग्य माने गए थे।

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डिग्री धारकों को योग्य माने जाने का प्रस्ताव

पुलिस भर्ती बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष ने यह फैसला लिया कि डिप्लोमा धारकों के साथ-साथ डिग्री धारक भी आवेदन कर सकते हैं। इस प्रस्ताव के बाद डिग्री धारक अभ्यर्थी इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो गए और अपनी परीक्षा दी। हालांकि, इस फैसले के बाद अब एक नया मोड़ सामने आया।

मौजूदा अध्यक्ष का फैसला

पुलिस भर्ती बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष ने डिग्री धारकों को आवेदन करने योग्य मानने वाले प्रस्ताव को निरस्त कर दिया। उनका कहना था कि यह प्रस्ताव पहले से निर्धारित योग्यता मानकों के खिलाफ था। यह कदम भर्ती प्रक्रिया में बदलाव की ओर इशारा करता था, जो काफी विवादों का कारण बना।

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डिग्री धारकों की याचिका

इस फैसले के खिलाफ डिग्री धारक अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने तर्क दिया कि यदि डिग्री धारकों को आवेदन करने का अधिकार नहीं था तो यह भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है, और उन्हें इस फैसले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का हक है।

हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला

उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि पुलिस भर्ती बोर्ड को योग्यता मानकों में बदलाव करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे बदलाव केवल शासन स्तर से ही किए जा सकते हैं, और भर्ती बोर्ड को यह अधिकार नहीं है कि वह योग्यता मानकों में बदलाव करे। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब भर्ती बोर्ड को नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी होगी

नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत

हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस भर्ती बोर्ड को अब नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी पड़ेगी। भर्ती में योग्यता मानकों के बारे में अब शासन के आदेश के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। इसके साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो और सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिल सके।

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क्यों है यह फैसला महत्वपूर्ण?

यह फैसला न केवल डिग्री धारकों के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और समझदारी को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण है। कोर्ट का यह आदेश यह भी दर्शाता है कि शासन को इस तरह के बदलावों का अधिकार होना चाहिए ताकि भर्ती में किसी प्रकार की अनियमितता या भेदभाव की स्थिति न उत्पन्न हो।

क्या होगा अगला कदम?

अब, भर्ती बोर्ड को शासन के निर्देशों के अनुसार योग्यता मानकों को अपडेट करना होगा और फिर से नवीनतम दिशा-निर्देशों के तहत भर्ती प्रक्रिया को शुरू करना होगा। यह कदम भर्ती प्रक्रिया को और अधिक संगठित और न्यायपूर्ण बनाएगा।

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