आगरा के सिविल एयरपोर्ट पर बनाए गए यात्री विश्राम ग्रह में निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। 6.89 करोड़ रुपये की लागत से बना यह स्ट्रक्चर मानसून में ही क्षतिग्रस्त हो गया है। सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने प्रशासन से इसकी मरम्मत की मांग की है।
आगरा। एयर फोर्स स्टेशन आगरा के परिसर में स्थित सिविल एयर टर्मिनल को यात्री विश्राम ग्रह के रूप में तैयार किया गया था, लेकिन इसका निर्माण अब गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है। 6.89 करोड़ रुपये की लागत से बना यह स्ट्रक्चर मानसून की पहली बरसात में ही छत से पानी टपकने और फाल्स सीलिंग के लटकने जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है। निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठते हुए सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने संबंधित अधिकारियों से इसका निरीक्षण कर मरम्मत कराने की अपील की है।
तसवीरें बोलती हैं
कागजी तौर पर तैयार लेकिन सच्चाई कुछ और
यात्री विश्राम ग्रह का निर्माण कागजी तौर पर जनवरी 2024 से शुरू होने वाला था, लेकिन इसका उपयोग शुरू होने से पहले ही इसकी स्थिरता पर सवाल खड़े हो गए हैं। सोसायटी का कहना है कि यदि यह स्ट्रक्चर सुरक्षित नहीं है, तो इसे यात्री लाऊंज के रूप में इस्तेमाल करने से पहले मजबूती की जांच की जानी चाहिए।
यात्री लाऊंज के कारण बढ़ सकती हैं असुविधाएं
सिविल एयर टर्मिनल के यात्री लाऊंज के संचालन की प्रक्रिया से जुड़े कई मुद्दे सामने आ रहे हैं। यात्रियों को अर्जुन नगर गेट से पैदल लाऊंज तक जाने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा और उनके सामान की तलाशी दो बार की जाएगी, जिससे यात्रा की प्रक्रिया जटिल हो सकती है। इसके अलावा, यात्री वाहनों की चेकिंग के मामले में वायुसेना परिसर में किसी प्रकार की ढील नहीं दी जाएगी।
सिविल एन्क्लेव को लीज रेंट का भार
इस विश्राम ग्रह को संचालित करने के लिए सिविल एन्क्लेव को 14.70 लाख रुपये का लीज रेंट और अन्य खर्चों का भार झेलना पड़ रहा है, जबकि इसके निर्माण पर अब तक 9 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।
मरम्मत की हो रही है मांग
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा का कहना है कि यह जरूरी है कि यात्री विश्राम ग्रह को जल्दी से फंक्शनल किया जाए। इसके साथ ही जनप्रतिनिधियों से अपील की गई है कि वे प्रधानमंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्री से यह मुद्दा उठाएं और इस निर्माण की मरम्मत जल्दी करवाई जाए।
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