मथुरा: नगीना सांसद चंद्रशेखर के काफिले पर पथराव, पुलिस कर्मियों समेत 6 घायल

Komal Solanki
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मथुरा: नगीना सांसद चंद्रशेखर के काफिले पर पथराव, पुलिस कर्मियों समेत 6 घायल

मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद के काफिले पर पथराव किया गया। इस घटना में पुलिस कर्मियों समेत 6 लोग घायल हो गए हैं। यह पथराव थाना सुरीर क्षेत्र के गांव भगत नगरिया में हुआ, जब चंद्रशेखर आजाद अपने काफिले के साथ थाना रिफाइनरी क्षेत्र के गांव करनावल जा रहे थे। अचानक काफिले पर हुए इस हमले से इलाके में अफरा-तफरी मच गई और पुलिस तथा पार्टी कार्यकर्ताओं ने सांसद की सुरक्षा के लिए उनकी गाड़ी को घेर लिया।

पथराव में घायल हुए पुलिसकर्मी और पार्टी कार्यकर्ता

सूत्रों के अनुसार, चंद्रशेखर के काफिले पर हमला उस समय हुआ जब वह पीड़ित दलित बहनों से मिलने के लिए गांव करनावल जा रहे थे। ये बहनें उन दबंगों की पीड़ित थीं जिन्होंने उनकी शादी के दिन उनसे मारपीट की थी और उनके मुंह पर कीचड़ पोत दी थी। घटना के बाद बारातियों से भी मारपीट की गई, जिसके चलते दूल्हों ने शादी से इंकार कर दिया और बरात बिना शादी के लौट गई।

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काफिले पर पथराव करने वाले उपद्रवियों ने चंद्रशेखर की गाड़ी को निशाना बनाते हुए पत्थर और ईंटें फेंकी, जिससे कई पुलिसकर्मी और पार्टी कार्यकर्ता घायल हो गए। इस हमले के दौरान हमलावर करीब 12 से 15 लोग थे जो घटना को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गए।

पुलिस ने किया उपद्रवियों का पीछा, धरने पर बैठे सांसद चंद्रशेखर

पथराव की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और कुछ उपद्रवियों को हिरासत में लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने हमलावरों की तलाश शुरू कर दी है। घटना के बाद चंद्रशेखर आजाद ने आंबेडकर पार्क में धरने पर बैठने का निर्णय लिया और पीड़ित बहनों को भी वहीं बुलाया। उन्होंने पीड़ितों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया और मामले की न्यायिक जांच की मांग की।

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चंद्रशेखर ने कहा, “मैंने हमेशा दलितों और पीड़ितों के हक के लिए आवाज उठाई है और मैं इस घटना के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ूंगा। इन दबंगों को किसी भी कीमत पर छोड़ने का सवाल नहीं है।” उन्होंने अपने समर्थकों से भी अपील की कि वे शांति बनाए रखें और किसी भी स्थिति में कानून को हाथ में न लें।

आरोपियों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला

चंद्रशेखर ने यह भी बताया कि उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य उन दलित बहनों से मिलकर उन्हें न्याय दिलाना था, जिन्हें शादी के दिन अपमानित किया गया। दोनों बहनों ने आरोप लगाया था कि दबंगों ने उन्हें और उनके परिवार को उत्पीड़ित किया और दहेज की मांग की थी। इस उत्पीड़न के बाद, दूल्हों ने शादी करने से इनकार कर दिया था और बारात वापस लौट गई थी।

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इलाके में तनाव, पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई

घटना के बाद से इलाके में तनाव फैला हुआ है। पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करते हुए पूरे क्षेत्र में पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। जिले के कई थानों की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची है और शांति बनाए रखने की कोशिश कर रही है। पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी स्थिति में उत्पात मचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

 

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