आगरा: आगरा जिले के खेरागढ़ तहसील अंतर्गत गांव *नदीम* से एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां सरकारी चकमार्ग पर अवैध कब्जे ने ग्रामीणों की राह मुश्किल कर दी है। दबंगों द्वारा किए गए इस अतिक्रमण को लेकर गांव में तनाव का माहौल है, वहीं प्रशासन की धीमी कार्रवाई ने लोगों के आक्रोश को और बढ़ा दिया है।
क्या है पूरा मामला?


ग्रामीणों के अनुसार गांव नदीम के चकमार्ग संख्या 398/04030, 912, और 0.0580 पर स्थानीय दबंगों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। इन चकमार्गों का उपयोग ग्रामीण वर्षों से खेतों और अन्य आवश्यक आवागमन के लिए करते आए हैं। लेकिन अब रास्ता पूरी तरह से बाधित हो गया है, जिससे न केवल खेती-किसानी पर असर पड़ रहा है, बल्कि आपातकालीन सेवाएं भी बाधित हो रही हैं।
ग्रामीणों ने इसको लेकर खेरागढ़ तहसील प्रशासन को कई बार ज्ञापन सौंपा, लेकिन अब तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति असंतोष बढ़ रहा है।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने मांग की है कि कब्जेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और अवैध निर्माण को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए। ग्राम प्रधान और अन्य स्थानीय प्रतिनिधियों ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी से हस्तक्षेप की मांग की है।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह मामला कई महीनों से लंबित है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई भी ठोस पहल नहीं की जा रही। जांच की प्रक्रिया में देरी और कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वासन मिलने से ग्रामीणों का भरोसा प्रशासन से उठता जा रहा है।
आगरा में बढ़ती अवैध कब्जे की घटनाएं
यह अकेला मामला नहीं है। आगरा जिले के विभिन्न गांवों में चकमार्ग, चारागाह, तालाब और अन्य सार्वजनिक जमीनों पर अवैध कब्जे की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। प्रशासनिक निष्क्रियता और प्रभावशाली लोगों के संरक्षण के चलते ये कब्जे और भी मजबूत होते जा रहे हैं।
क्या कहता है कानून?
सरकारी या सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 447 के अंतर्गत अपराध है। इसके तहत दोषी पाए जाने पर तीन माह की सजा या जुर्माना, अथवा दोनों हो सकते हैं। इसके अलावा, तहसील प्रशासन उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 के तहत भी कब्जेदारों के खिलाफ नोटिस जारी कर सकता है और बलपूर्वक अतिक्रमण हटवा सकता है।
प्रशासन का पक्ष
मीडिया द्वारा संपर्क किए जाने पर तहसीलदार खेरागढ़ ने बताया कि मामला संज्ञान में है और जल्द ही संबंधित भूमि का सर्वे कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से लिया जा रहा है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
गांव नदीम में अवैध कब्जे का यह मामला न सिर्फ प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि किस प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में आमजन की मूलभूत समस्याएं आज भी अनसुनी रह जाती हैं। अगर समय रहते कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मुद्दा और भी बड़ा रूप ले सकता है।
