आगरा, उत्तर प्रदेश: सदर थाना क्षेत्र के चोर नगरिया गांव में स्थित एक तालाब में बुधवार को एक युवक की डूबने से मौत हो गई, जिसके बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया है। मृतक की पहचान कृष्णपाल के रूप में हुई है। इस घटना के बाद गुस्साए ग्रामीण सीधे तौर पर गांव के प्रधान रामकिशन कुशवाहा पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
गाय बांधते समय हुआ हादसा, तालाब में डूबने से मौत
यह दर्दनाक घटना बुधवार की है। कृष्णपाल सुबह के समय तालाब किनारे अपनी गाय को बांध रहा था। तभी अचानक गाय ने उसे सींग मार दिया, जिससे कृष्णपाल अनियंत्रित होकर गहरे तालाब में जा गिरा और डूबने से उसकी मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीणों और जिला प्रशासन के सहयोग से कृष्णपाल के शव को तालाब से बाहर निकाला गया। गुरुवार को जैसे ही कृष्णपाल का शव गांव पहुंचा, पूरे गांव में कोहराम मच गया और ग्रामीण सदमे में आ गए।
ग्रामीणों का आरोप: प्रधान की लापरवाही से हुआ हादसा
कृष्णपाल की मौत के बाद ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। उनका कहना है कि इस दुखद घटना का सीधा जिम्मेदार गांव का प्रधान रामकिशन कुशवाहा है। ग्रामीणों के अनुसार, प्रधान रामकिशन ने इस तालाब को खुदवाने के लिए जेसीबी से मिट्टी निकलवाई थी और उस सारी मिट्टी को बेच दिया था।
आरोप है कि ग्रामीणों द्वारा बार-बार आग्रह करने के बावजूद प्रधान ने तालाब के चारों ओर न तो कोई बाउंड्री बनवाई और न ही फेंसिंग कराई, जिससे यह तालाब असुरक्षित बना हुआ था। यदि तालाब के चारों ओर सुरक्षा व्यवस्था होती तो शायद यह हादसा टाला जा सकता था।
प्रधान पर कई मुकदमे दर्ज, ग्रामीण कर रहे मुआवजे और कार्रवाई की मांग
आक्रोशित ग्रामीण गांव प्रधान रामकिशन कुशवाहा पर जमकर आरोप लगा रहे हैं। मृतक के परिजनों और ग्रामीणों की एक तरफ जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग है, तो वहीं दूसरी तरफ वे गांव प्रधान रामकिशन कुशवाहा के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि गांव प्रधान रामकिशन कुशवाहा पहले से ही एक विवादित व्यक्ति रहे हैं और उन पर कई मुकदमे दर्ज हैं। कृष्णपाल की मौत के बाद रामकिशन कुशवाहा एक बार फिर सुर्खियों और विवादों के घेरे में आ गए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है और ग्रामीणों के आरोपों की सत्यता खंगाल रही है। इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थलों की सुरक्षा और प्रशासनिक जिम्मेदारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।