बर्खास्तगी के नाम पर बगलें झांक रहे विभागीय अधिकारी
अग्र भारत ब्यूरो
आगरा (किरावली)। बेसिक शिक्षा विभाग के आगरा जनपद के हालातों को देखकर लग रहा है कि फर्जी शिक्षकों पर विभागीय अधिकारी मेहरबान हैं। जिस फर्जी शिक्षक के खिलाफ जांचोपरांत उसके फर्जी होने की पुष्टि हो चुकी है, इसके बावजूद उसके बर्खास्तगी में हीलाहवाली लगातार हो रही है।
आपको बता दें कि कागारौल कस्बा निवासी अब्दुल रज्जाक द्वारा कूटरचित दस्तावेज तैयार करते हुए अपनी जन्मतिथि में हेरफेर कर फर्जी तरीके से विभाग में सहायक अध्यापक पद पर नौकरी हासिल कर ली थी। 2018 में नौकरी हासिल कर अब्दुल रज्जाक लगातार पांच साल तक विभाग की आंखों में धूल झोंकता रहा, लेकिन विभागीय सत्यापनों में उसका गड़बड़झाला पकड़ में नहीं आ सका।
किरावली कस्बा निवासी बहाबुद्दीन कुरैशी द्वारा अब्दुल रज्जाक के खिलाफ दी गयी शिकायत के बाद इस खेल का भंडाफोड़ हुआ। जमील कुरैशी की लगातार पैरवी के बाद विभाग की आखिरकार उसके निलंबन के लिए मजबूर होना पड़ा।
शिकायतकर्ता ने लड़ी लंबी लड़ाई, अब सिर्फ बर्खास्तगी का इंतजार
शिकायतकर्ता जमील कुरैशी ने बताया कि अब्दुल रज्जाक के खिलाफ दी गयी शिकायत पर शुरूआत में कोई संज्ञान नहीं लिया गया। जब एडी बेसिक के संज्ञान में मामला लाया गया तो उन्होंने ततपरता के साथ इस पर कार्रवाई सुनिश्चित की। जमील कुरैशी द्वारा विभागीय अधिकारियों से लेकर क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ तक दौड़ लगायी। विभाग को उसके फर्जी होने के समस्त साक्ष्य मुहैया कराये। अब्दुल रज्जाक के निलंबन के बाद उसकी जांच प्रक्रिया को भी लंबा खींचा गया। तमाम उतार चढ़ावों के बाद जांच अधिकारी बीईओ खंदौली द्वारा उसके फर्जी होने पर मुहर लगा दी गयी।इस संबंध बेसिक शिक्षा अधिकारी को दूरभाष के माध्यम से कई बार संपर्क किया लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं हुआ|