लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का आज तड़के निधन हो गया। उनकी उम्र 85 वर्ष थी। आचार्य सत्येंद्र दास का निधन ब्रेन हेमरेज के बाद हुआ, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस संबंध में अस्पताल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है, जिसमें उनके निधन की जानकारी दी गई।
ब्रेन हेमरेज के बाद अस्पताल में भर्ती
आचार्य सत्येंद्र दास को 3 फरवरी को स्ट्रोक के बाद गंभीर हालत में लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें अस्पताल के न्यूरोलॉजी वार्ड के एचडीयू (हाई डिपेंडेंसी यूनिट) में रखा गया था, जहां उनका इलाज चल रहा था। उनका स्वास्थ्य स्थिर नहीं हो पाया और आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। इस खबर ने अयोध्या सहित पूरे देश में शोक की लहर पैदा कर दी है, क्योंकि वह राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख धार्मिक और आध्यात्मिक नेताओं में से एक थे।
राम मंदिर के लिए समर्पित जीवन
आचार्य सत्येंद्र दास को अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में सम्मानित किया गया था। उनका जीवन राम मंदिर निर्माण के संघर्ष से जुड़ा हुआ था। उन्होंने अयोध्या में रामलला के दर्शन और पूजा के साथ-साथ मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनकी श्रद्धा, समर्पण और राम मंदिर के प्रति उनकी निष्ठा उन्हें अयोध्या के धार्मिक समुदाय में विशेष सम्मान दिलाती थी।
उनके निधन पर धार्मिक और राजनीतिक नेताओं ने शोक व्यक्त किया है और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया।
अयोध्या में शोक की लहर
आचार्य सत्येंद्र दास के निधन से अयोध्या में शोक की लहर दौड़ गई है। राम मंदिर निर्माण के लिए उनका समर्पण और अथक प्रयास सभी के दिलों में हमेशा याद रहेगा। अयोध्या के लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं और उनकी पुण्यतिथि को एक ऐतिहासिक क्षण मान रहे हैं।
उनकी अंतिम यात्रा में अयोध्या के लोग शामिल होंगे, और श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में भक्त वहां पहुंचे हैं। मंदिर समिति ने उनके योगदान को याद करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना सभा आयोजित करने का ऐलान किया है।
अस्पताल से मिली जानकारी
पीजीआई अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि आचार्य सत्येंद्र दास का इलाज 3 फरवरी से शुरू हुआ था, जब उन्हें स्ट्रोक के बाद गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की, लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और आज उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली।
राम मंदिर आंदोलन और आचार्य सत्येंद्र दास
आचार्य सत्येंद्र दास का जीवन राम मंदिर निर्माण के संघर्ष से गहरे रूप से जुड़ा हुआ था। वह न केवल धार्मिक पुजारी थे, बल्कि राम मंदिर आंदोलन के प्रति उनका समर्पण और योगदान बहुत बड़ा था। उन्होंने जीवनभर राम मंदिर के निर्माण को अपनी प्राथमिकता बनाई और इस दिशा में कई वर्षों तक काम किया।
उनके निधन के बाद, उनके योगदान और उनके समर्पण को हमेशा याद किया जाएगा, और उनकी आत्मा को शांति मिले, यही तमाम लोग उनकी श्रद्धांजलि के रूप में प्रार्थना कर रहे हैं।
आचार्य सत्येंद्र दास का निधन न केवल अयोध्या, बल्कि पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। राम मंदिर के प्रति उनका समर्पण और अयोध्या में उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। उनका निधन राम भक्तों के लिए एक शोक का कारण बना है, लेकिन उनकी यादें और उनके कार्य हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगी।