अछनेरा, आगरा: नगर पालिका परिषद अछनेरा इस समय रामभरोसे चल रही है, जिसके चलते कस्बे के निवासी और स्वयं सभासद भी लगातार परेशान हैं। पालिका के कर्मचारियों की मनमानी और अधिकारियों की कथित उदासीनता ने व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो ने कर्मचारियों की लापरवाही की पोल खोल दी है, जिससे कस्बे में रोष व्याप्त है।
रात्रि ड्यूटी पर लापरवाही और पानी की बर्बादी
वायरल वीडियो में एक ट्यूबवेल, जो पानी की टंकी भरने का काम करता है, उस पर ताला लटका हुआ दिख रहा है और दरवाजे के नीचे से बेतहाशा पानी बह रहा है। जानकारी के अनुसार, इस ट्यूबवेल पर जिस कर्मचारी की ड्यूटी थी, वह ताला लगाकर अपने घर पर आराम फरमा रहा था। सूत्रों ने बताया कि यह कर्मचारी पालिका में कार्यरत एक बाबू का भाई है, जिसके कारण वह मनमानी करता है। शिकायत करने पर बाबू द्वारा धमकाने की बात भी सामने आई है। इस लापरवाही के कारण जहां एक ओर पानी की बर्बादी हो रही है, वहीं दूसरी ओर कस्बे में पानी की आपूर्ति पर भी इसका असर पड़ सकता है।
सभासदों का आरोप: ‘रामभरोसे’ चल रही पालिका
नगर पालिका के कई सभासदों का कहना है कि वर्तमान में नगर पालिका परिषद अछनेरा ‘रामभरोसे’ चल रही है। उनका आरोप है कि अधिशासी अधिकारी (ईओ) और चेयरमैन का कस्बे की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं है। इसी लापरवाही का फायदा उठाकर कर्मचारी भी अपने मनमाने तरीके से नौकरी कर रहे हैं। सभासदों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही पालिका के हालात नहीं सुधरे तो वे पालिका कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
पूर्व चेयरमैन का कार्यकाल आया याद
कर्मचारियों की इस लापरवाही को देखकर कस्बे के लोगों को पूर्व चेयरमैन अशोक अग्रवाल के कार्यकाल की याद आ रही है। लोगों का कहना है कि यदि कर्मचारियों से सही ढंग से ड्यूटी करवानी है तो वर्तमान अधिकारियों को अशोक अग्रवाल से सीखना चाहिए। अशोक अग्रवाल के समय में नगर पालिका परिषद अछनेरा ने साफ-सफाई के मामले में पूरे उत्तर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया था, जो मौजूदा स्थिति के बिल्कुल विपरीत है।
वर्तमान चेयरमैन के समय में बदहाल स्थिति
कस्बे के लोगों का कहना है कि वर्तमान चेयरमैन के समय में हालात बहुत ज्यादा खराब हैं। साफ-सफाई समय से नहीं हो रही है, सीवर टैंक उफान ले रहे हैं, और जरा सी बारिश होते ही पूरे कस्बे में जलभराव की स्थिति पैदा हो जाती है। यह सभी समस्याएं सीधे तौर पर नगर पालिका की कार्यप्रणाली और कर्मचारियों की जवाबदेही पर प्रश्नचिह्न लगाती हैं।
खुली चेतावनी और आंदोलन की तैयारी
सभासदों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही पालिका के हालात में सुधार नहीं होता और कर्मचारियों की मनमानी पर लगाम नहीं लगती, तो वे पालिका कार्यालय में बैठकर धरना प्रदर्शन करने का काम करेंगे। अब देखना यह है कि इस चेतावनी का नगर पालिका प्रशासन पर कितना असर होता है और क्या कस्बे के लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल पाती हैं।