सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा और छांव फ़ाउंडेशन के प्रतिनिधि मण्डल ने की पुलिस कमिश्नर आगरा डॉ प्रीतइंदर सिंह से मुलाक़ात।
आगरा- आज सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा, एसिड अटैक पीड़ित और छांव फ़ाउंडेशन के प्रतिनिधि मण्डल ने पुलिस कमिश्नर आगरा डॉ प्रीत इंदर सिंह से उनके ऑफिस मे मुलाक़ात की। पूर्व मे एडीजी आगरा ज़ोन श्री राजीव कृष्ण के साथ हुए शिरोस हैंग आउट कैफ़ मे संवाद के दौरान, एसिड अटैक पीडिताओं ने अपने साथ आ रही समस्याओं से अवगत करवाया था ।
मुलाक़ात के दौरान एसिड अटैक सर्वाइवर्स ने एसिड अटैक घटना के दौरान होने वाली पुलिस कार्यवाही की समस्याओं से अवगत कराया। और एसिड अटैक की घटनाओं को रोकने के लिए,आगरा में नियमों को ताक पर रख खुले में हो रही एसिड की बिक्री पर अवगत कराया। सर्वाइवर्स ने अनुरोध किया की सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन्स के अनुसार एसिड की बिक्री होनी चाहिए , जिनकी जानकारी सम्बंधित अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए। जिससे आगरा को एसिड हमले से मुक्त बनाया जा सके।
सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा और छांव फ़ाउंडेशन ने हाल ही मे युवती पर हुए “टॉइलेट क्लीनर” अटैक पर “The Model Poisons Possession and sales rule, 2013″;.एक्ट के तहत कार्यवाही करने का अनुरोध किया। टॉयलेट क्लीनर में भी एसिड होता है। यह भी उसी तरह हानिकारक होता है। तत्पश्चात पुलिस कमिश्नर डॉ प्रीतिंदर सिंह ने संज्ञान लेते हुए उचित कार्यवाही करने के आदेश पारित किए।
प्रतिनिधिमंडल ने अपने ज्ञापन में कहा –
माननीय उच्चतम न्यायालय ने जुलाई 2013 में लक्ष्मी वर्सेस यूनियन ऑफ़ इंडिया के फैसले में एसिड अटैक सर्वाइवर के हितों में कुछ निर्देश दिए गये , एसिड अटैक रोकने के मद्देनजर खुले में तेजाब बिक्री को रेगुलेट करने के लिए निर्देश जारी किए हैं ,उनका पालन सख्ती से हो –
1- काउंटर पर, एसिड की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित है, जब तक कि दुकानदार एसिड की बिक्री को रिकॉर्ड करने वाला एक रजिस्टर नहीं रखता है।उस रजिस्टर में उन व्यक्तियों का विवरण होगा, जिसे एसिड बेचा गया है और कितना बेचा गया इस बात का भी उल्लेख होगा।
2- सभी विक्रेता एसिड तभी बेचेंगे जब खरीदार ने सरकार द्वारा जारी एक फोटो आईडी (जिसमें व्यक्ति का पता भी हो) और वो एसिड खरीदने का कारण भी बताए।
3- एसिड के सभी स्टॉक विक्रेता एसडीएम के द्वारा आदेश के 15 दिनों के भीतर घोषित किए जाने चाहिए।
4- 18 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को कोई तेजाब नहीं बेचा जाएगा।
5- तेजाब के अघोषित स्टॉक के मामले में, संबंधित एसडीएम स्टॉक को जब्त करने के लिए खुला अधिकार होगा और वो ऐसे विक्रेता पर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना लगा सकता है।
6- संबंधित एसडीएम तेजाब बिक्री के किसी भी निर्देश का उल्लंघन करने वाले
किसी भी व्यक्ति पर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना लगा सकता है ।
विगत वर्ष छाँव फाउंडेशन ने आगरा में तेजाब विक्रेताओं के यहाँ गोपनीय सर्वेक्षण किया जिसमें तेजाब बिक्री के नियमों में गंभीर लापरवाही बरतते देखी गयी । अत : हम आपसे तेज़ाब बिक्री के नियमों का सख्ती से पालन कराने के संदर्भ में संबंधित अधिकारियों को आदेश देने का आग्रह करते हैं।
अनिल शर्मा-ने कहा के बदली हुई पुलिस व्यवस्था में पुलिस कमिश्नर से बदलाव की आशा है।
तीनो सर्वाइवर्स ने एक आवाज़ में कमिश्नर मोहदय से खुले में तेज़ाब ना बिक पाए, यह अपील की।
गीता ने बताया की नौजवान लड़कियों की जिंदगी खराब हो जाती है, महोदय आपसे निवेदन है की ठोस कार्यवाही करें, और एसिड खुले में ना बिके।
अजय तोमर ने कमिश्नर डॉ प्रीतिंदर सिंह महोदय से आगामी एडीजी ऑफिस में
होने वाली “The Model Poisons Possession and sales rule, 2013″;.एक्ट पर शैक्षणिक सेमिनार सम्मिलित होने के लिए अपील की ।
प्रतिनिधिमंडल में अनिल शर्मा –सचिव सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा, अजय तोमर –पीआरओ छांव फ़ाउंडेशन, एसिड अटैक पीड़ित मधु, रुकाईया और गीता और असलम सलीमी थे ।