थाना प्रभारी अछनेरा और सीएचसी अधीक्षक के बयानों में दिखा विरोधाभास
आगरा। अपराध और आरोप दोनों में अंतर होता है। अपराध के मामलों में पुलिस साक्ष्य संकलित करने के आधार पर जांच कर कार्रवाई करती है। लेकिन यहाँ मामला अलग है—डॉक्टर की गरिमा को तार-तार करते हुए दो युवकों ने सीएचसी अछनेरा के कक्ष में वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर खुद को डॉक्टर के रूप में प्रचारित किया। इस वीडियो की जांच करना तो दूर, अछनेरा पुलिस को इस घटना की वैधानिक कार्यवाही हेतु प्रार्थना पत्र दिए जाने के बावजूद थाना प्रभारी 48 घंटे बाद भी अनभिज्ञ बने रहे। उनका कहना है कि उन्हें कोई प्रार्थना पत्र प्राप्त ही नहीं हुआ। ऐसे में सवाल उठता है कि जब सूचना ही पुलिस तक “नहीं पहुँची” तो कार्रवाई की उम्मीद कैसे की जाए?
वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि सीएचसी अछनेरा के कक्ष में युवक राजा डॉक्टर की कुर्सी पर बैठा है और गले में परिश्रवक डालकर मरीज साजिद की जांच करता हुआ दिखाई दे रहा है। वीडियो लगभग आधे मिनट से अधिक का है, जबकि यह युवक स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी भी नहीं है। ,,,,थाना प्रभारी निरीक्षक अछनेरा देवेंद्र कुमार द्विवेदी ने कहा—“इस संबंध में सीएचसी अधीक्षक द्वारा कोई प्रार्थना पत्र नहीं दिया गया है। प्रार्थना पत्र मिलने पर उसके आधार पर कार्यवाही की जाएगी।” ,,,वहीं सीएचसी अधीक्षक नीरज शर्मा का दावा है कि उन्होंने इस घटना के संबंध में अछनेरा थाने में प्रार्थना पत्र दिया है। उन्होंने मीडिया को वही पत्र उपलब्ध भी कराया। पत्र में उल्लेख है—
“19.8.2025 को सीएचसी अछनेरा परिसर का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें सफेद शर्ट पहने साजिद नामक युवक मरीज की भूमिका में बैठा है। साजिद ने 2021 में सीएचसी अछनेरा से फार्मासिस्ट प्रशिक्षण लिया था। वीडियो में दिखाई देने वाला दूसरा युवक (राजा) का स्वास्थ्य केंद्र से कोई संबंध नहीं है। इस वीडियो से स्वास्थ्य विभाग की छवि धूमिल हुई है। अतः इस संबंध में वैधानिक कार्यवाही की जाए।”
इनका कहना है
डॉ. नंदन, सीएचसी प्रभारी अछनेरा देहात“सोशल मीडिया पर गलत प्रचार-प्रसार कर स्वास्थ्य विभाग की छवि धूमिल करने के संबंध में थाना प्रभारी को तहरीर दी गई है। सरकारी अस्पताल की छवि धूमिल करना और झूठा प्रचार करना अपराध है, इस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
पवन कुमार, वरिष्ठ अधिवक्ता, न्यायालय आगरा, “सरकारी अस्पताल के कक्ष में बैठकर युवक द्वारा डॉक्टर बनने का प्रचार-प्रसार करना और स्वास्थ्य विभाग की छवि धूमिल करना एक अपराध है। पुलिस को मुकदमा दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही करनी चाहिए।”
एसीपी अछनेरा गौरव सिंह“ स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक प्रार्थना पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें विभाग की छवि धूमिल करने का जिक्र है। लेकिन यह वीडियो परिसर के किस कक्ष में बनी है, इसकी पूर्ण जानकारी के साथ प्रार्थना पत्र मिलने के बाद ही मुकदमा दर्ज किया जाएगा।”