एटा — जननी सुरक्षा योजना के तहत निर्धारित लक्ष्यों को पूरा न करने पर एटा जिले में स्वास्थ्य विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. उमेश कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई समीक्षा बैठक में लापरवाही बरतने वाले 16 एएनएम की वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई है।
सीएमओ ने बताया कि जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के उद्देश्य से प्रसव इकाइयों को लक्ष्य दिए जाते हैं। बावजूद इसके, कई इकाइयों में कर्मचारियों द्वारा लगातार अनदेखी की जा रही है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 की समीक्षा में यह सामने आया कि गत वर्ष की तुलना में इस बार 171 कम प्रसव दर्ज किए गए हैं, जो गंभीर लापरवाही की ओर इशारा करता है।
कार्रवाई की सूची में जलेसर, निधौली कला और सकीट ब्लॉक की एएनएम शामिल हैं। इनमें जलेसर की संविदा कर्मचारी वंदना, नीतू दयाल, पूनम और सुनैना तथा नियमित कर्मचारी गीता गौड़, पूनम और रानी शामिल हैं। निधौली कला से नियमित एएनएम अलका वर्मा और संविदा कर्मचारी शीतल, दीपमाला, सीमा व सरोज के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। वहीं, सकीट ब्लॉक से नियमित एएनएम डोली यादव और विमलेश के साथ संविदा कर्मचारी रीना सी लाल और अंजलि की वेतन वृद्धि भी रोकी गई है।
सीएमओ डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि विभागीय लापरवाही किसी भी हाल में स्वीकार नहीं की जाएगी। यदि भविष्य में भी कार्य में सुधार नहीं हुआ तो और सख्त कदम उठाए जाएंगे।