आगरा: पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही भारी बारिश और हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी का जलस्तर आगरा में खतरे के निशान को पार कर गया है। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) शुभांगी शुक्ला ने बताया कि गोकुल बैराज, मथुरा से 1,37,373 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद 7 सितंबर को दोपहर 2 बजे जल संस्थान, आगरा पर यमुना का जलस्तर 152.405 मीटर दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान से ऊपर है।
प्रभावित क्षेत्रों की पहचान और बचाव के उपाय
प्रशासन ने यमुना के बढ़ते जलस्तर से प्रभावित होने वाले संभावित क्षेत्रों की पहचान कर ली है। सदर तहसील के अंतर्गत तनोरा, नूरपुर, मेहरा नाहरगंज, विसरना, कैलाश, स्वामी बाग और फतेहाबाद तहसील के भरापुर, बमरौली, ईदौन, मडायना, मेलीकलां, गुडा, मेवली खुर्द, हिमायूपुर जैसे गांव लो फ्लड लेवल पर प्रभावित होंगे। शहरी क्षेत्रों में नगला बूढ़ी, अमर विहार, दयालबाग, मोतीमहल, कटरा वजीर खां और रामबाग बस्ती जैसे क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं।
मीडियम फ्लड लेवल पर सदर तहसील के बुर्ज, नगला छीतर सिंह, महल बादशाही, नगला तल्फी, नगला पैमा, फतेहाबाद तहसील के शाहिदपुर, वीरपुरा, बेहड़, पारौली सिकरवार, बिचौला, गिदरौन और एत्मादपुर तहसील के नगला धीमर, बढ़नुपरा, रहनकलां, नगला कटा जैसे गांव प्रभावित होंगे।
शरणार्थी शिविरों की स्थापना और एनडीआरएफ टीम की तैनाती
बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए प्रशासन ने कई जगहों पर शरणार्थी शिविर (शेल्टर) स्थापित किए हैं। इनमें प्राथमिक विद्यालय सरगनखेड़ा, आईटीआई बल्केश्वर, कैलाश मंदिर और अंबेडकर वाटिका, मोती महल शामिल हैं। इसके अलावा, सदर तहसील में बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों को राहत पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ (NDRF) की टीम भी उपलब्ध है।
अपर जिलाधिकारी की अपील
अपर जिलाधिकारी शुभांगी शुक्ला ने शहरवासियों और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि लोग अपने महत्वपूर्ण दस्तावेज जैसे राशन कार्ड, पासबुक और आधार कार्ड को वाटरप्रूफ बैग में रखें। सूखे अनाज और पशुओं के चारे को सुरक्षित और ऊंचे स्थान पर रखें।
उन्होंने गर्भवती महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, दिव्यांगों और बीमार व्यक्तियों से बाढ़ की चेतावनी मिलते ही तुरंत तहसीलों द्वारा स्थापित शरणार्थी शिविरों में चले जाने का अनुरोध किया। साथ ही, लोगों को बिजली के मुख्य स्विच और गैस रेगुलेटर बंद रखने, पानी के किनारे न जाने और बच्चों को यमुना नदी के पानी में नहाने से रोकने की सलाह दी गई है।
