बनासकांठा पटाखा हादसे के बाद एक्शन में प्रशासन, जलेसर की सोडा फैक्ट्री सीज

Danish Khan
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एटा: गुजरात के बनासकांठा में हुए भीषण पटाखा फैक्ट्री हादसे के बाद हरकत में आए प्रशासन ने जनपद एटा के जलेसर तहसील में बड़ी कार्रवाई की। जलेसर कस्बे के हाथरस बस स्टैंड के सामने स्थित राधा किशन फकीर चन्द सोडा फैक्ट्री को जिला प्रशासन ने सीज कर दिया। कार्रवाई के दौरान फैक्ट्री के गोदाम में रखे माल को भी सील कर दिया गया।

इस महत्वपूर्ण कार्रवाई के दौरान एटा के एडीएम प्रशासन सत्यप्रकाश, एएसपी राजकुमार सिंह, जलेसर एसडीएम भावना विमल समेत जिले के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। प्रशासनिक कर्मचारियों ने जेसीबी मशीन की मदद से फैक्ट्री में बनी भट्टियों और चिमनियों को ध्वस्त कर दिया। साथ ही, गोदाम में रखे सोडा और अन्य सामग्री पर भी कड़ी निगरानी रखी गई।

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अन्य सोडा फैक्ट्रियों में हड़कंप

जलेसर के टीटीजेड (ताज ट्रेपेजियम जोन) क्षेत्र में स्थित अन्य सोडा फैक्ट्रियों पर भी इस कार्रवाई का असर देखने को मिला। राधा किशन फकीर चन्द सोडा फैक्ट्री पर हुई इस कड़ी कार्रवाई से अन्य फैक्ट्री मालिकों में हड़कंप मच गया है। सादाबाद मार्ग पर स्थित इस फैक्ट्री पर प्रशासन की इस कार्रवाई से यह साफ संकेत मिलता है कि क्षेत्र में विस्फोटक सामग्री और उससे जुड़े किसी भी अवैध लेन-देन पर प्रशासन और पुलिस पूरी तरह से सतर्क हैं और कड़ी निगरानी रख रहे हैं।

बनासकांठा ब्लास्ट में 22 की गई थी जान

गौरतलब है कि तीन दिन पहले गुजरात के बनासकांठा में एक पटाखा फैक्ट्री में भीषण आग लगने के कारण हुए विस्फोट में 22 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस दुखद हादसे के संबंध में गुजरात पुलिस ने जलेसर की इसी राधा किशन फकीर चन्द सोडा फैक्ट्री के मालिक अमित अग्रवाल से गहन पूछताछ की थी। जांच में यह तथ्य सामने आया कि उस पटाखा फैक्ट्री में इस्तेमाल होने वाला शोरा (पोटेशियम नाइट्रेट), जलेसर की इसी फैक्ट्री से सप्लाई किया जाता था। वर्तमान में, इस आपूर्ति और भुगतान से संबंधित कागजी कार्रवाई पर भी गहन जांच जारी है।

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इन दोनों घटनाओं से यह स्पष्ट हो जाता है कि प्रशासन और पुलिस ने विस्फोटक सामग्रियों के सुरक्षित भंडारण और उनके लेन-देन को लेकर अपनी चौकसी काफी बढ़ा दी है। इस तरह की सख्त कार्रवाई से न केवल क्षेत्र में कानून व्यवस्था में सुधार की उम्मीद है, बल्कि आसपास के अन्य उद्योगों को भी कड़ी निगरानी में लेने का स्पष्ट संकेत दिया गया है। प्रशासन का यह कदम जनसुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ क्षेत्र में चल रहे किसी भी अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।

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