आगरा: सीएम के आगरा दौरे के दौरान अधिवक्ताओं का प्रदर्शन, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग
आगरा में मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान सेशन कोर्ट के अधिवक्ताओं ने एकजुट होकर अपने सुरक्षा अधिकारों के लिए प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में अधिवक्ताओं ने प्रदेश में लगातार हो रहे हमलों और हत्याओं को लेकर चिंता जताई और सरकार से शीघ्र एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की।
अधिवक्ताओं की सुरक्षा पर गंभीर चिंता
ज्ञापन में कहा गया कि उत्तर प्रदेश में लाखों अधिवक्ता आज स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बीते कुछ वर्षों में अधिवक्ताओं पर लगातार जानलेवा हमले हो रहे हैं। इन हमलों में कई वकीलों की जान जा चुकी है और हत्याएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। यह स्थिति कानून के शासन के लिए एक गंभीर चुनौती है। अधिवक्ता न्यायिक प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा होते हैं और उन्हें सुरक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है।
ज्ञापन में यह भी बताया गया कि जब कोई अधिवक्ता किसी मामले में पक्ष रखता है, तो दूसरे पक्ष से वैमनस्यता उत्पन्न होना स्वाभाविक है, जिससे वकील और उसके परिवार के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है। इसलिए प्रदेश सरकार पर यह जिम्मेदारी बनती है कि वह वकीलों और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
सरोज यादव ने उठाई सुरक्षा की आवश्यकता
इस प्रदर्शन के दौरान एडवोकेट सरोज यादव ने कहा कि प्रदेश में हालात ऐसे बन गए हैं कि अधिवक्ताओं को उचित संरक्षण प्रदान किया जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि हापुड़ में पुलिस द्वारा वकीलों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज करने के बाद वकीलों ने देशव्यापी आंदोलन किया था, जिसके बाद सरकार ने प्रोटेक्शन एक्ट ड्राफ्ट करने का भरोसा दिया था, लेकिन उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
सरोज यादव ने कहा कि यदि सरकार सच में वकीलों के हित में गंभीर और संवेदनशील होती तो आज तक प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो चुका होता। लेकिन सरकार की नीयत में कोई बदलाव नहीं आया और वकील विरोधी शासन को हम बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करेंगे।
आंदोलन की चेतावनी
सरोज यादव ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि प्रदेश में जल्द से जल्द एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं हुआ तो प्रदेश के वकील आंदोलन की राह पर चलने के लिए मजबूर होंगे, और इस आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख अधिवक्ता
इस प्रदर्शन में कई प्रमुख अधिवक्ता उपस्थित रहे, जिनमें सुरेन्द्र लाखन, नरेंद्र सिंह, राजकुमार, प्रवीण शर्मा, राजीव कुमार सिंह, विजेंद्र सिंह, रामहेत, अर्जुन सिंह, सुमित कुमार, यशपाल सिंह, मोहमद सत्तार, नंदकिशोर आदि शामिल थे। इन सभी अधिवक्ताओं ने प्रदेश सरकार से शीघ्र प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की अपील की और वकीलों के खिलाफ हो रहे हमलों की रोकथाम के लिए कठोर कदम उठाने की मांग की।
अधिवक्ताओं की सुरक्षा को लेकर सरकार पर दबाव
यह प्रदर्शन केवल आगरा तक सीमित नहीं था, बल्कि पूरे प्रदेश में वकीलों की सुरक्षा को लेकर सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास किया गया। एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट के लागू होने से प्रदेश के वकीलों को सुरक्षा मिलेगी और उनकी जानमाल की रक्षा की जा सकेगी।
उत्तर प्रदेश में अधिवक्ताओं के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करना अब और भी महत्वपूर्ण हो गया है। यदि सरकार वकीलों के हित में कदम नहीं उठाती, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मुद्दे पर कितनी गंभीरता से कदम उठाती है और क्या जल्द ही एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाएगा।
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सुमंत कुमार गुप्ता
( एडवोकेट)