आगरा: जिलाधिकारी, नगर आयुक्त और महापौर को अधिवक्ता ने दिया नोटिस, स्वतंत्रता दिवस पर प्रशासन की लापरवाही

MD Khan
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राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा
  • पुरानी चुंगी मैदान में झांकी, बैंड और अन्य सुविधाओं की कमी पर उठाए सवाल
  • अधिवक्ता ने कहा, प्रशासन ने स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को भुला दिया

आगरा में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रशासन की लापरवाही सामने आई है। राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा ने इस पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी, नगर आयुक्त और महापौर को नोटिस जारी किया है।

आगरा: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में आगरा प्रशासन की लापरवाही का मामला सामने आया है। राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा ने प्रशासन की इस गंभीर गलती पर गहरी नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी, नगर आयुक्त और महापौर को नोटिस भेजा है। नोटिस की एक प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी भेजी गई है।

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राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने आगरा प्रशासन के उच्च अधिकारियों को व्यक्तिगत नोटिस भेजा। इस नोटिस में उन्होंने उल्लेख किया है कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर शहर में हर वर्ष परंपरागत जुलूस निकाला जाता रहा है, जो फुलट्टी चौराहा से प्रारंभ होकर विभिन्न प्रमुख मार्गों से होता हुआ पुरानी चुंगी मोतीगंज स्थित मैदान तक जाता था। इस जुलूस के साथ भारत माता की झांकी, बैंड और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नगर निगम और प्रशासन द्वारा किया जाता रहा है, लेकिन इस वर्ष प्रशासन ने पूरी तरह से इसे नजरअंदाज कर दिया।

रमाशंकर शर्मा ने कहा कि इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर न तो भारत माता की झांकी की व्यवस्था की गई, न ही बैंड की, और न ही पुरानी चुंगी मैदान में मंच, माइक, कुर्सियों या पानी की व्यवस्था की गई। इसके परिणामस्वरूप कांग्रेस पार्टी ने परंपरागत जुलूस निकालकर पुरानी चुंगी के मैदान में सिर्फ जमीन पर बैठकर गणतंत्र दिवस मनाया।

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वरिष्ठ अधिवक्ता ने नोटिस में यह भी बताया कि पुरानी चुंगी का मैदान स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। 1940 में इस मैदान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने एक ऐतिहासिक सभा को संबोधित किया था, जहां उन्होंने ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का नारा दिया था। इसके बाद 1942 में इसी मैदान में महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ का आह्वान किया था, और यहां ब्रिटिश सरकार ने क्रांतिकारियों पर गोलीबारी की थी। इस गोलीबारी में 17 वर्षीय क्रांतिकारी परशुराम शहीद हुए थे।

रमाशंकर शर्मा ने कहा कि वह पिछले 35 वर्षों से इस परंपरागत जुलूस का हिस्सा रहे हैं, लेकिन इस बार आगरा प्रशासन की लापरवाही ने गणतंत्र और संविधान के प्रति अनादर का प्रदर्शन किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन और महापौर ने स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की अवहेलना की है और शहर के इतिहास के प्रति भी उदासीनता दिखाई है।

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नोटिस में चेतावनी दी गई है कि यदि प्रशासन और महापौर ने 24 घंटे के भीतर आगरा की जनता से माफी नहीं मांगी, तो वे इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।

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