आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में अधिवक्ता अधिनियम में सरकार द्वारा लाए जा रहे संशोधन के विरोध में एक बड़ा प्रदर्शन हुआ। प०उ० प्रदेश राज्य निर्माण जनमंच द्वारा यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था, जिसमें प्रदेश भर के अधिवक्ताओं ने अपनी विरोध जताने के लिए सामूहिक रूप से पुतला दहन किया।
इस विरोध प्रदर्शन के कड़ी में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने पूर्व में घोषित कार्यक्रम के तहत आज, 25 फरवरी 2025 को समूचे उत्तर प्रदेश के अधिवक्ताओं को न्यायिक कार्य से विरत रहने का आह्वान किया था। इसके साथ ही उन्होंने ट्रेजडी निबंधन कार्यालय सहित पूरे जनपद में धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया था।
आगरा में पुतला दहन और जुलूस
बार काउंसिल के आवाहन पर जनमंच ने आगरा में सिविल कोर्ट परिसर में जुलूस निकाला। इस जुलूस के बाद गेट नं. 2 के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया गया। यह पुतला अधिवक्ता अधिनियम में लाए जा रहे संशोधन के कागजों से बनाया गया था, जिससे अधिवक्ताओं ने सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई। पुतला दहन के दौरान जनमंच ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि सरकार अपनी जिद पर अड़ी रही और अधिवक्ता संशोधन विधेयक को वापस नहीं लिया, तो समूचे देश के अधिवक्ता सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
भारत बंद की चेतावनी
जनमंच ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि सरकार ने अपनी नीति पर पुनः विचार नहीं किया और यह संशोधन विधेयक वापस नहीं लिया, तो बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के द्वारा इस काले विधेयक के विरोध में भारत बंद का आह्वान किया जाएगा। जनमंच ने यह भी कहा कि जब तक यह संशोधन विधेयक पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
कार्यक्रम में प्रमुख लोग मौजूद
कार्यक्रम की अध्यक्षता जनमंच अध्यक्ष चौधरी अजय सिंह ने की। इस दौरान वीरेन्द्र फौजदार और पवन कुमार भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से ग्रेटर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष महेश बघेल, महेन्द्र सिंह, बंगाली शर्मा, हृदयेश कुमार यादव, शिव सिंह राघव, अंबेडकर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रमेश चंद्रा, जसवंत सिंह राना, सत्येंद्र कुमार यादव, उदयवीर सिंह, सत्यप्रकाश शर्मा, गिर्राज रावत, शिव कुमार सैनी, सुरेंद्र कुमार लोधी, शिवराम सिंह चौहान, दिलीप फौजदार, चौधरी विशाल सिंह, उमेश कुमार दीक्षित, सुरेंद्र सिंह धाकरे, मोहनलाल, राजू सिकरवार, पवन कुमार शर्मा, रामेश्वर और अन्य लोग उपस्थित थे।
अधिवक्ता अधिनियम संशोधन विधेयक पर विरोध
अधिवक्ता अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन को लेकर अधिवक्ताओं के बीच भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि इस संशोधन विधेयक से अधिवक्ताओं के अधिकारों का हनन हो रहा है और यह उनके पेशेवर स्वतंत्रता को प्रभावित करेगा।