Etah News, एटा, उत्तर प्रदेश। एटा जनपद के थाना मलावन क्षेत्र स्थित जवाहरपुर तापीय परियोजना में करंट लगने से एक मजदूर की मौत के बाद रविवार को जबरदस्त हंगामा हुआ। मृतक के परिजनों और ग्रामीणों ने शव को प्लांट गेट पर रखकर मुआवजे की मांग को लेकर उग्र प्रदर्शन किया, जिससे हालात बेकाबू हो गए। इस दौरान, भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक अजय यादव पर भीड़ को उकसाने और पुलिस से हाथापाई करने का आरोप लगा है, जिसके बाद उनके सहित 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
क्या है पूरा मामला?
घटना शनिवार को जवाहरपुर थर्मल पावर प्लांट में हुई, जहां नगला भूपाल निवासी पंकज नामक मजदूर को करंट लग गया। गंभीर हालत में उसे आगरा ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। रविवार को उसका शव लेकर परिजन और ग्रामीण प्लांट परिसर पहुंचे और मुख्य गेट पर शव रखकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया।
पुलिस पर हमला और सुरक्षा भंग करने का आरोप
प्रदर्शन के दौरान रेवाड़ी निवासी पूर्व विधायक अजय यादव और उनके साथ भाजपा नेता राजेश यादव भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस का आरोप है कि अजय यादव के नेतृत्व में भीड़ ने बैरिकेड हटाकर संयंत्र परिसर में जबरन घुसने की कोशिश की। इस दौरान, ड्यूटी पर मौजूद थाना प्रभारी जेपी अशोक सहित अन्य पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की की गई और उन्हें गिरा दिया गया।
मलावन थाना प्रभारी रोहित राठी की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक के भाई रामकिशन उर्फ रामू, दीपक यादव और अन्य लोगों ने संयंत्र की सुरक्षा व्यवस्था भंग की। आरोप है कि पूर्व विधायक अजय यादव के नेतृत्व में भीड़ संयंत्र के निषिद्ध क्षेत्र में घुस गई, जिससे कर्मचारियों और अधिकारियों में अफरा-तफरी मच गई।
पूर्व विधायक सहित 150 पर FIR
सीओ सकीट कीर्तिका सिंह ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए, पूर्व विधायक अजय यादव सहित 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा, संयंत्र की सुरक्षा को खतरे में डालने और पुलिस पर हमला करने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
पूर्व विधायक ने आरोपों को नकारा
हालांकि, पूर्व विधायक अजय यादव ने पुलिस के सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा, “हम पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए वहां पहुंचे थे। पुलिस का रवैया अमानवीय था, उल्टे पीड़ितों के खिलाफ मुकदमा लिखने की धमकी दी जा रही थी। जनहित के मामलों में ऐसे लिखे मुकदमों की मुझे कोई परवाह नहीं।”
जवाहरपुर तापीय परियोजना क्षेत्र को अत्यंत संवेदनशील माना जाता है। ऐसे में इस तरह की घटना ने प्रशासनिक हलकों में खलबली मचा दी है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।