पिता-पुत्र के विवाद में अवैध हथियार का मनगढ़ंत आरोप लगाकर घर में घुसी पुलिस, महिलाओं से बदसलूकी और लूटपाट का भी आरोप
आगरा। पुलिस प्रशासन जनता में विश्वास बहाल करने की बात करता है, लेकिन अछनेरा थाने की पुलिस पर लगे आरोप उसके दावों की पोल खोलते नजर आ रहे हैं। प्रशिक्षु उप-निरीक्षकों द्वारा एक मामूली विवाद को बड़ा बनाकर न केवल पीड़ित परिवार पर अत्याचार किया गया, बल्कि घर में घुसकर महिलाओं से बदसलूकी और लूटपाट के गंभीर आरोप भी सामने आए हैं।
सोमवार को अछनेरा क्षेत्र के आरदया निवासी राजवीर सिंह ने पुलिस को अपने बेटे के खिलाफ मारपीट की शिकायत दी थी। जांच के लिए प्रशिक्षु दरोगा प्रखर कुमार, पवन कुमार और अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे, लेकिन मामला सुलझाने के बजाय और भड़क गया।पीड़ित पक्ष के अनुसार, प्रशिक्षु दरोगाओं ने बिना किसी वैध आधार के अवैध असलहे का आरोप लगाकर जबरन घर में प्रवेश किया। सीढ़ियों के सहारे पड़ोसी के मकान से घर में कूदकर घुसने के बाद पुलिसकर्मियों ने हाकिम सिंह को पकड़कर बेरहमी से पीटा। जब घर की महिलाएं बीच-बचाव के लिए आईं, तो उनके साथ अभद्रता की गई, धक्का-मुक्की की गई और गाली-गलौज भी की गई।
महिलाओं से बदसलूकी, घर में तोड़फोड़ और लूट का आरोप
पीड़ित परिवार ने पुलिस पर घर में लूटपाट का भी आरोप लगाया है। घर में रखी नगदी, सोने की चेन, पैंडल और अंगूठी गायब होने की बात कही गई है। पीड़ित पक्ष का कहना है कि पुलिस ने घर में अव्यवस्था फैलाई, कपड़े और सामान बिखेर दिए।
मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति पर किया हमला
पीड़ित पक्ष के अनुसार, पुलिस द्वारा पीटे गए हाकिम सिंह पिछले छह वर्षों से मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं। वहीं, पुलिस की बर्बरता में एक अन्य भाई और उसकी गर्भवती पत्नी की हालत भी गंभीर बताई जा रही है।
पीड़ित परिवार पहुंचा पुलिस आयुक्त के पास
पुलिस की बर्बरता से आहत पीड़ित परिवार मंगलवार को दर्जनों लोगों के साथ पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंचा और पूरे घटनाक्रम की शिकायत दर्ज कराई। वकील पुत्र राजवीर सिंह, जो कि इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) में कार्यरत हैं, ने आरोप लगाया कि बिना महिला पुलिसकर्मियों के घर में घुसकर महिलाओं से दुर्व्यवहार किया गया, जो कानून का स्पष्ट उल्लंघन है।पीड़ित परिवार ने पुलिस आयुक्त से मामले की निष्पक्ष जांच और दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। अब देखना यह है कि पुलिस आयुक्त इस मामले में क्या कदम उठाते हैं, या फिर यह भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।