आगरा। कहावत है कि बकरे की मां कब तक सिन्नी बांटेगी। कुछ ऐसा ही हाल दलाल भोलू कुरैशी का हो गया था। उसने समाज में आतंक फैला रखा था। वह किसी को भी झूठे मुकदमे में फंसा देता, वारंट किसी के भय दिखाकर रुपये वसूलने के लिए शरीफ आदमी को पकड़वा देता। ऐसा ही एक मामला कुछ दिन पहले संज्ञान में आया था। मामले में एक दरोगा निलंबित हो गया। भोलू के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। उसने बचने के लिए तमाम प्रयास किये, लेकिन शुक्रवार को आखिर पुलिस ने उसे घर से गिरफ्तार कर लिया।
गौरतलब है कि थाना सिकंदरा की चौकी पदम प्राइड पर एसआई देवव्रत पांडेय और दलाल हाजी भोलू उर्फ आजाद कुरैशी नेे लोहामंडी बिल्लोचपुरा हाल पता आवास विकास सेक्टर 16 जमील पुत्र रसीद खां के वारंट पर सौंठ की मंडी निवासी जमील को पकड़वा दिया था। जमील ने वारंट देखकर कहा था कि यह मेरा नहीं है। दरोगा ने जमील से धमकाते हुए कहा कि तेरे बाप का नाम रहीसउद्दीन है और वारंट में रसीद खां है। दोनों में बहुत अंतर नहीं हैं। रहीसउद्दीन उर्फ रसीद खां लिखकर भेज दूंगा। सौंठ की मंडी निवासी दलाल हाजी भोलू ने उसे पकड़वाया और वही उसे छुड़ाने के लिए पहुंच गया। दरोगा और दलाल ने पीडि़त को भय दिखाया कि जेल चला जायेगा और छोडऩे के लिए डिमांड रखी। जमील की लाख दुहाई के बाद भी सौदा हुआ।
पीडि़त की शिकायत पर पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिन्दर सिंंह सबइंस्पेक्टर देवद्रत पांडेय दोषी पाये जाने पर निलंबित कर दिया था। दलाल भोलू के खिलाफ धारा 386 के तहत मुकदमा दर्ज कराया। सिकंदरा इंस्पेक्टर ने बताया कि आजाद कुरैशी उर्फ भोलू को गिरफ्तार कर लिया है। उसे जेल भेजा जा रहा है।