आगरा : शहर के प्रतिष्ठित नेचुरोपैथी चिकित्सक डॉ. पी.के. सिंह को जान से मारने की धमकी मिलने का मामला सामने आया है। यह धमकियाँ उन्हें शहर के ही पुलिस इंपेक्टर विकास विशेष द्वारा दी जा रही हैं। डॉ. सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही न होने पर उन्होंने प्रेसवार्ता के जरिए अपनी पीड़ा व्यक्त की और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई।
क्या है मामला?
डॉ. पी.के. सिंह ने बताया कि थाना शाहगंज में 26 अक्टूबर 2023 को उनके खिलाफ एक अभियुक्ता अर्चना विशेष के द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस मामले में धारा 307, 323, 328, 379, 427, 504 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। अर्चना विशेष, जो कि एक अधिवक्ता हैं और गाजियाबाद में रहती हैं, पुलिस इंस्पेक्टर विकास विशेष की बहन हैं। डॉ. सिंह का कहना है कि दोनों भाई-बहन ने मिलकर संगठित रूप से अपराध को अंजाम दिया है। अर्चना विशेष ने गाजियाबाद न्यायालय से मेंटेनेंस का आदेश लिया था, जबकि पुलिस ने अभी तक लूटे हुए माल की बरामदगी नहीं की है और ना ही आरोपी के खिलाफ कोई प्रभावी कार्रवाई की है।
पुलिस का पक्ष और उच्च अधिकारियों का आदेश
डॉ. पी.के. सिंह ने बताया कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी सिटी सूरज राय ने थाना प्रभारी शाहगंज को एफआईआर दर्ज करने और निष्पक्ष कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। हालांकि, इंस्पेक्टर विकास विशेष के प्रभाव के कारण थाना शाहगंज में विवेचना को प्रभावित किया गया। बाद में उच्च अधिकारियों के आदेश से मामले की विवेचना क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई, लेकिन यहाँ भी इंस्पेक्टर विकास विशेष ने अपना प्रभाव दिखाते हुए साक्ष्यों और गवाहों को हटा दिया।
जान से मारने की धमकी और पुलिस की निष्क्रियता
डॉ. पी.के. सिंह ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने इंस्पेक्टर विकास विशेष की शिकायत उच्च अधिकारियों और विभागीय अधिकारियों से की, तो इंस्पेक्टर ने उन्हें व्हाट्सएप कॉल करके जान से मारने की धमकी दी। कॉल न उठाने पर इंस्पेक्टर ने व्हाट्सएप चैट में गाली-गलौच की और धमकियाँ दीं। डॉ. सिंह ने इस घटना की शिकायत आगरा के कमिश्नर ऑफ पुलिस से की, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।
डॉ. सिंह ने कहा, “मैंने इस घटना की शिकायत न्यायालय के पास भी की और न्यायालय के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई। लेकिन मुझे डर है कि इंस्पेक्टर विकास विशेष मुझे और मेरे परिवार को नुकसान पहुँचा सकते हैं।”
पीड़ित चिकित्सक की अपील
डॉ. पी.के. सिंह ने प्रशासन से अनुरोध किया कि इस मामले की जांच किसी सीनियर अधिकारी द्वारा की जाए, जैसे कि एसीपी से, क्योंकि इंस्पेक्टर के पद पर होने के कारण वह अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर सकते हैं। डॉ. सिंह ने कहा, “अगर मेरे या मेरे परिवार के साथ कोई भी घटना घटित होती है, तो इसके लिए इंस्पेक्टर विकास विशेष और उनकी बहन अर्चना विशेष तथा आगरा पुलिस जिम्मेदार होंगे।”
बेटी के साथ आत्महत्या करने के अलावा कोई चारा नहीं
अगर उन्हें न्याय न मिला तो बेटी के साथ आत्महत्या करने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं होगा। इंसपेक्टर विकास विशेष के खिलाफ भी सबूत दे चुके हैं। डॊ. सिंह का कहना है कि उन्हें न्याय तभी मिल पाएगा जब कोई वरिष्ठ अधिकारी दोनों मुकदमों की जांच करे।