वायरल वीडियो में प्रधान व उसके समर्थक लात-घूंसों, कुर्सी और डंडे से अध्यापक की पिटाई करते दिखे
शिकायत के बाद भी थाने में कार्यवाही न होने का आरोप, पीड़ित अध्यापक ने जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज की शिकायत, लगाए गंभीर आरोप
आगरा, अछनेरा। शिक्षा के मंदिर को राजनीति और दबंगई ने एक बार फिर शर्मसार कर दिया। बीते शुक्रवार सुबह ब्लॉक अछनेरा क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय गड़ीमा में ग्राम प्रधान ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर प्रधानाध्यापक शैलेन्द्र सिंह पर ताबड़तोड़ लाठी-डंडों, कुर्सी और लात-घूंसों से हमला कर दिया। यही नहीं, शिक्षक को बेरहमी से पीटने के बाद कमरे में बंद कर बंधक बना लिया गया। इस संबंध में थाने में शिकायत दी गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। आरोप है कि प्रधान कानूनी कार्रवाई करने पर अंजाम भुगतने की धमकी भी दे रहा है। अछनेरा पुलिस ने कई दिन बीत जाने के बावजूद मामले में अभियोग दर्ज नहीं किया।
इस घटना से जुड़े बवाल मचाने वाले तीन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। इन वीडियो में प्रधानाध्यापक पर कुर्सी, डंडे और लात-घूंसों से हमला साफ दिखाई देता है। एक व्यक्ति अध्यापक को बचाव करते हुए कमरे की ओर धकेलता नजर आता है। वहीं शिक्षिकाएं दबंगई देखकर सहमी हुई दिखाई देती हैं और विद्यालय के छात्र-छात्राएं भी डरे-सहमे नजर आते हैं।
प्रधानाध्यापक शैलेन्द्र कुमार ने मुख्य मंत्री पोर्टल दर्ज शिकायत में बताया कि प्रधान व उसके समर्थक 15 अगस्त को जबरन झंडा फहराने के विवाद को लेकर पहले से ही दबंगई दिखा रहे थे। हमले के दौरान अन्य अध्यापकों ने घटना का वीडियो अपने फोन में कैद कर लिया, लेकिन प्रधान और उसके गुर्गों ने मोबाइल छीनकर जातिसूचक गालियां देनी शुरू कर दीं। सूचना पर पहुँची पुलिस ने शिक्षक को मुक्त कराकर थाने लाया। मगर हैरत की बात यह रही कि थाने में ही प्रधान और उसके 50–60 समर्थक जुट गए और शिक्षक को धमकाते हुए जबरन खाली कागज पर हस्ताक्षर करा लिए। यह दबंगई न केवल शिक्षक की गरिमा पर हमला है, बल्कि सरकारी कार्य में खुलेआम बाधा डालने का शर्मनाक उदाहरण भी है। एसएसआई जितेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि अध्यापक ने समझौते की बात कही थी और लिखित में समझौता दिया गया है। यदि अध्यापक तहरीर देगा तो अभियोग दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। वायरल वीडियो में नजर आने वाले बवाल करने वालों की पहचान कर विधिक कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।
वीडियो को मिला डिजिटल साक्ष्य का दर्जा
न्यायिक परिसर आगरा दीवानी के सीनियर वकील पवन कुमार ने बताया कि नए कानून के अनुसार वीडियो को डिजिटल साक्ष्य का दर्जा प्राप्त है। इसलिए वायरल हो रहे वीडियो की प्रामाणिकता की जांच कराते हुए पुलिस को चाहिए कि स्वतंत्रता दिवस जैसे महत्वपूर्ण दिन पर विद्यालय परिसर में कुर्सी फेंकने, डंडे चलाने और लात-घूंसों से पिटाई कर कानून का मखौल उड़ाने वालों की पहचान कर उन पर लॉ एंड ऑर्डर की व्यवस्था बनाए रखने के लिए विधिक कार्रवाई करनी चाहिए।