Agra: डग्गामार बसों का चौराहे पर कब्जा; ट्रैफिक पुलिस की अनदेखी से बढ़ी समस्या

Arjun Singh
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आगरा: वॉटर बॉक्स चौराहे पर डग्गामार बसों का कब्जा दिनभर बना रहता है। ठेकेदार और ट्रैफिक पुलिस के संरक्षण में ये बसें सुबह से लेकर देर रात तक चौराहे पर सवारियों को भरती हैं, जिससे कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

ट्रैफिक पुलिस की भूमिका

स्थानीय ट्रैफिक पुलिस की नजरों के सामने ये डग्गामार बसें बिना किसी डर के सवारियां भर रही हैं। इससे न केवल यातायात में बाधा उत्पन्न हो रही है, बल्कि इससे परिवहन विभाग की बसों को सवारियां भी नहीं मिल रही हैं, जिसके कारण राजस्व में भारी घाटा हो रहा है।

जाम की स्थिति

चौराहे पर डग्गामार बसों के खड़े होने से जाम की समस्या भी बढ़ रही है। इन बसों को अक्सर तिरछा और रॉन्ग साइड में खड़ा किया जाता है, जिससे चौराहे पर दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है। जब ट्रैफिक पुलिस इन बसों को हटाने की कोशिश करती है, तो ये बस चालक ठेकेदार के गुर्गों को बुलाकर अपने लिए सिफारिश करवा लेते हैं, जिसके बाद पुलिस इन बसों को छोड़ देती है।

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यात्रियों के साथ धोखाधड़ी

डग्गामार बसों के परिचालक यात्रियों के साथ खींचातानी करने के लिए भी जाने जाते हैं। जब रोडवेज बस में सफर करने के लिए यात्री निकलते हैं, तो ये डग्गामार बस के परिचालक उन्हें कम किराए का लालच देकर अपनी बसों में बैठा लेते हैं। इस प्रकार की गतिविधियों के कारण परिवहन विभाग की बसों को राजस्व का घाटा हो रहा है।

लाखों का चालान, कार्रवाई का अभाव

शहर के विभिन्न चौराहों पर चलने वाली दर्जनों डग्गामार बसों पर लाखों रुपए के चालान होने के बावजूद ट्रैफिक पुलिस द्वारा कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है। यह स्थिति न केवल यातायात व्यवस्था को प्रभावित कर रही है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल रही है। सूत्रों के अनुसार, कई डग्गामार बसों के चालकों के खिलाफ लंबे समय से चालान जारी किए जा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद ट्रैफिक पुलिस ने इन्हें जब्त करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इन बसों के चालकों का हौसला इस कदर बढ़ गया है कि वे बेखौफ होकर चौराहों पर खड़े होकर सवारियों को भरने का काम कर रहे हैं।स्थानीय नागरिकों का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस की उदासीनता के चलते ये बसें लगातार कानून का उल्लंघन कर रही हैं। जब पुलिस अधिकारियों से इस बारे में पूछा गया, तो उनका कहना था कि “कई बार इन बसों को जब्त करने का प्रयास किया गया है, लेकिन स्थानीय ठेकेदारों के दबाव के चलते कार्रवाई नहीं हो पाई।”

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समाधान की आवश्यकता

इस समस्या का समाधान करने के लिए आवश्यक है कि ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय प्रशासन सख्ती से कार्रवाई करें। डग्गामार बसों पर रोकथाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए ताकि चौराहे पर यातायात व्यवस्था में सुधार हो सके और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

आगरा में डग्गामार बसों के बढ़ते प्रभाव और ट्रैफिक पुलिस की अनदेखी के कारण स्थानीय लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस दिशा में क्या कदम उठाता है।

 

 

 

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