आगरा: 15 दिनों से धरने पर पूर्व सैनिक, प्रशासन की अनदेखी से बढ़ी नाराज़गी – क्या मिलेगा उन्हें न्याय?

Ex-Servicemen's Struggle: On Day 15 of Their Protest, Demanding Justice Amidst Administrative Negligence

Dharmender Singh Malik
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पूर्व सैनिकों का धरना 15वें दिन में प्रवेश कर चुका है, जिसमें वे प्रशासन की अनदेखी के बावजूद अपनी पांच सूत्रीय मांगों के लिए न्याय की उम्मीद में आंदोलन कर रहे हैं। प्रशासन की लापरवाही और अहंकारी रवैया उनकी उम्मीदों पर पानी फेर रहा है।

आगरा: पूर्व सैनिकों का धरना आज 15वें दिन में प्रवेश कर गया है, जिसमें वे अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर 9 दिसंबर से आंदोलन कर रहे हैं। इन पूर्व सैनिकों ने देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर अपनी जान को जोखिम में डाला, लेकिन अब न्याय की मांग के लिए उन्हें प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। धरने के दौरान, न तो प्रशासन के किसी अधिकारी ने उनकी स्थिति को समझा और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने उनकी सुध ली।

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इस अड़ियल रवैये के कारण ही हाल ही में एक किसान नेता ने विषाक्त पदार्थ खाकर अपनी जान देने की कोशिश की थी, मगर अफसोस की बात यह है कि अधिकारी अपने अहंकारी रवैये से बिल्कुल भी नहीं हिले। पूर्व सैनिकों का कहना है कि क्या वे न्याय के हकदार नहीं हैं? आखिरकार उन्होंने क्या अन्यायपूर्ण मांग की है? यदि प्रशासन को ऐसा लगता है, तो कम से कम वे उनसे बातचीत तो करें।

पूर्व सैनिकों ने कहा कि उनका यह व्यवहार न केवल निंदनीय है, बल्कि बेहद निराशाजनक भी है। वे यह सवाल उठा रहे हैं कि यदि पूर्व सैनिकों को इस तरह से नजरअंदाज किया जा सकता है, तो आम आदमी कैसे न्याय की उम्मीद कर सकता है?

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संगठन मंत्री भोज कुमार फौजी ने कहा, “सरफरोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है। देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है।” उन्होंने प्रशासन के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आज उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है जैसे वे क्रांतिकारी हों और उनके अधिकारी अंग्रेजी तानाशाही रवैया अपनाए हुए हों।

उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे अधिकारी मुख्यमंत्री जी के यश को बढ़ाने की बजाय, उसे धूमिल करने का काम कर रहे हैं।

मीडिया प्रभारी तेजवीर सिंह ठकुरेला ने बताया कि इस आंदोलन को अब हर पूर्व सैनिक तक पहुंचाया जाएगा और जल्द ही तहसील मुख्यालयों पर भी धरना शुरू किया जाएगा। उनका यह भी कहना था कि इस संघर्ष को और तेज किया जाएगा, ताकि प्रशासन को पूर्व सैनिकों की आवाज़ सुननी पड़े।

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आज के धरने में कई प्रमुख पूर्व सैनिक उपस्थित रहे, जिनमें जिलाध्यक्ष महेश चाहर, हाकिम सिंह, तेजवीर सिंह, भोज कुमार, एडवोकेट तुलसीराम, बाबूलाल सोलंकी, राजवीर सोलंकी, उदयवीर सिंह, राजेन्द्र चाहर, दिगम्बर सिकरवार, सुरेश बाबू, लखेंद्र, शिव कुमार जुरैल, हरेंद्र पहलवान, प्रेम सिंह, कैप्टन मंगल सिंह, श्यामबाबू शर्मा आदि शामिल थे।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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