सरकारी चावल की खरीदारी के लिए किरावली और अछनेरा क्षेत्र के गांवों में भेजे जा रहे कैरियर
रायभा गांव में मोपेड बाइक पर सरकारी चावल की खरीदारी करते हुए कैरियर को पुलिस ने पकड़ा
राशन माफियाओं की इस बदली हुई चाल के आगे आपूर्ति विभाग और पुलिस पस्त दिख रहे हैं
आगरा (किरावली): केंद्र और राज्य सरकार द्वारा मिलकर गरीबों के हित में चलाई जा रही सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत निशुल्क खाद्यान्न योजना, कालाबाजारी की भेंट चढ़ती जा रही है। राशन माफियाओं के मजबूत नेटवर्क के आगे सिस्टम भी कुछ नहीं कर पा रहा है।आपको बता दें कि बीते दिनों किरावली से लेकर खेरागढ़ क्षेत्र तक आपूर्ति विभाग द्वारा ताबड़तोड़ कार्रवाई कर जीजा-साले द्वारा मिलकर चलाए जा रहे अवैध राशन सिंडिकेट को ध्वस्त कर दिया गया था। इन माफियाओं पर हुई सख्त कार्रवाई के बाद क्षेत्र में काफी हद तक सरकारी राशन की कालाबाजारी पर अंकुश लग गया था।बताया जा रहा है कि जीजा-साले पर हुई कार्रवाई के बाद फरह क्षेत्र के राशन माफिया भाइयों ने अवैध कारोबार फिर से फैलाना शुरू कर दिया। कथित रूप से, जीजा-साले की मुखबिरी करवाकर उन्हें नेस्तनाबूद करने में इन्हीं राशन माफियाओं का बड़ा हाथ बताया जाता है। जीजा-साले के जेल जाने के बाद, उनके द्वारा बनाए गए नेटवर्क पर फरह क्षेत्र के राशन माफियाओं ने कब्जा कर लिया।
मोपेड बाइकों पर भेजे जा रहे कैरियर
थाना अछनेरा क्षेत्र के रायभा गांव में बीते दिनों ग्रामीणों ने मोपेड बाइकों पर सरकारी चावल लदा होने की आशंका जताते हुए दो लड़कों को पकड़ लिया। एक लड़का मौके से भाग निकला, जबकि दूसरा ग्रामीणों के हत्थे चढ़ गया। सूचना मिलने पर 112 पीआरवी पुलिस मौके पर पहुंची और मोपेड पर लदे सरकारी चावल समेत पकड़े गए लड़के को थाना पुलिस के हवाले कर दिया।
पूछताछ में बेखौफ होकर बताया राशन माफिया का नाम
ग्रामीणों द्वारा पकड़े गए कैरियर से पूछताछ की गई तो सनसनीखेज खुलासा हुआ। कैरियर ने पकड़े जाने के तुरंत बाद ही अपने आका को फोन मिला दिया। ग्रामीणों द्वारा पूछे जाने पर उसने विक्की सेठ के लिए चावल खरीदना बताया। ग्रामीणों के अनुसार, किरावली और अछनेरा क्षेत्र से सरकारी चावल खरीदकर फरह क्षेत्र में ले जाया जा रहा है।
फरह से लेकर आगरा तक फैला लिया अवैध कारोबार का दायरा
सूत्रों के अनुसार, सरकारी राशन के इस पूरे सिंडिकेट को फरह क्षेत्र का विक्की सेठ मिलकर ऑपरेट कर रहे हैं। जीजा-साले द्वारा बनाए गए मजबूत नेटवर्क के कारण पहले इनकी दाल नहीं गल पाती थी। किरावली, अछनेरा, राय, मिढ़ाकुर, फतेहपुर सीकरी और रूपवास तक जीजा-साले का अवैध कारोबार फैला हुआ था।लेकिन जैसे ही जीजा-साले को ठिकाने लगाया गया, फरह क्षेत्र के विक्की सेठ ने आगरा जनपद की संवेदनशील स्थिति का फायदा उठाते हुए, स्थानीय पुलिस और आपूर्ति विभाग की कथित जुगलबंदी से सरकारी चावल का भंडारण शुरू कर दिया। सुबह तड़के ही दर्जनों मोपेड बाइकों को किरावली और अछनेरा क्षेत्र में सरकारी चावल की खरीदारी के लिए भेज दिया जाता है।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
“सरकारी चावल समेत एक लड़के को पकड़ा गया था। इसकी सूचना आपूर्ति विभाग को दी गई थी, लेकिन उनके स्तर से कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई।”
— विनोद मिश्रा, थाना प्रभारी, अछनेरा
“50 किलोग्राम से कम सरकारी राशन का चावल पकड़े जाने पर कार्रवाई करने का शासनादेश हमें प्राप्त नहीं है। इस कॉकस की जानकारी गोपनीय तरीके से जुटाई जा रही है।”
— संजीव मिश्रा, डीएसओ आगरा
अब वाक्य अधिक स्पष्ट, व्याकरण-संगत और पठनीय हैं।