Agra Police News: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के एत्मादपुर थाने में भ्रष्टाचार और कार्यप्रणाली को लेकर बड़ा धमाका हुआ है। एक महिला दरोगा (Sub-Inspector) का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह अपने ही थाने के इंस्पेक्टर और मुंशी पर गंभीर आरोप लगा रही हैं। दरोगा का दावा है कि इंस्पेक्टर ने पैसे लेकर छेड़छाड़ के चार मुख्य आरोपियों के नाम चार्जशीट से हटा दिए।
क्या है पूरा मामला?
मामला एत्मादपुर थाने का है, जहाँ एक नर्सिंग छात्रा ने 25 अक्टूबर को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पीड़िता का आरोप था कि 17 अक्टूबर को जब वह मायके से लौट रही थी, तब आशुतोष, हिमांशु, अनूप और रितेश नामक युवकों ने उसे जबरन कार में बिठा लिया और दुष्कर्म की कोशिश की। विरोध करने पर कपड़े फाड़ दिए और अश्लील हरकतें कीं। इस मामले में कुल 6 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था, जिसकी विवेचना महिला दरोगा नीतू कर रही थीं।
फीडबैक कॉल से खुला राज
पुलिस विभाग की “फीडबैक प्रणाली” के तहत जब एडीसीपी ऑफिस से पीड़िता को फोन किया गया, तब उसे पता चला कि पुलिस ने केस में चार्जशीट तो दाखिल कर दी है, लेकिन 4 मुख्य आरोपियों के नाम हटा दिए गए हैं। यह सुनकर पीड़िता दंग रह गई और 17 दिसंबर को विवेचक (दरोगा नीतू) से मिलने पहुँची।
वायरल ऑडियो के चौंकाने वाले अंश
पीड़िता और महिला दरोगा के बीच हुई बातचीत का जो ऑडियो वायरल हुआ है, वह पुलिस महकमे की पोल खोल रहा है। बातचीत के कुछ मुख्य अंश इस प्रकार हैं:
महिला दरोगा: “मैंने सभी 6 को आरोपी बनाया था, लेकिन मेरे घर जाने के बाद इंस्पेक्टर ने पीछे से नाम हटाकर चार्जशीट लगा दी। वे पहले भी ऐसा कर चुके हैं, अकेले पैसे रख लेते हैं और दरोगा को कुछ नहीं देते।”
भ्रष्टाचार का आरोप: दरोगा ने आरोप लगाया कि मुंशी भी बिना पैसे लिए काम नहीं करता और इंस्पेक्टर उसे (मुंशी को) 10 हजार रुपये महीना देता है।
पीड़िता का दर्द: “आरोपी मुझे 10 लाख रुपये का ऑफर दे रहे थे और नाम न हटाने पर जान से मारने की धमकी दे रहे थे। मुझे लगा पुलिस साथ देगी, पर यहाँ तो खेल हो गया।”
एक्शन में पुलिस विभाग: SI नीतू लाइन हाजिर
ऑडियो वायरल होने और पीड़िता की शिकायत के बाद आगरा पुलिस में हड़कंप मच गया। डीसीपी पश्चिमी जोन, अतुल शर्मा ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महिला दरोगा नीतू को लाइन हाजिर कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि मामले की दोबारा जांच कराई जा रही है और भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि होने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एत्मादपुर थाना फिर सुर्खियों में
यह पहली बार नहीं है जब एत्मादपुर पुलिस विवादों में है। हाल ही में थाना प्रभारी पर एक बुजुर्ग को थप्पड़ मारने का आरोप भी लगा था। अब इस नए खुलासे ने पुलिस की “जीरो टॉलरेंस” नीति पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।
मुख्य सवाल जो जांच के घेरे में हैं:
अगर विवेचक ने आरोपियों को दोषी माना था, तो इंस्पेक्टर ने किसके आदेश पर नाम हटाए?
क्या चार्जशीट दाखिल करने से पहले साक्ष्यों की अनदेखी की गई?
वायरल ऑडियो में जिन ‘चार थाना प्रभारियों’ का जिक्र है, क्या उन पर भी जांच होगी?
