आगरा: आगरा में गैंगरेप के एक सनसनीखेज मामले में पुलिस की संवेदनहीनता सामने आई है। एक 17 साल की किशोरी, जिसकी मां ने चार युवकों द्वारा गैंगरेप का आरोप लगाया है, पिछले 110 दिनों से थाना-थाना भटक रही है, लेकिन उसके मामले की सुनवाई ही नहीं हो पा रही है। पीड़िता और उसका परिवार लगातार पुलिस चौकियों और थानों के चक्कर लगा रहा है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
गैंगरेप और धमकी का आरोप, पुलिस पर कार्रवाई न करने का इल्जाम
पीड़िता की मां ने गुरुवार को डीसीपी पश्चिमी से न्याय की गुहार लगाते हुए बताया कि यह मामला थाना मलपुरा क्षेत्र का है। 23 फरवरी की रात करीब 10 बजे वह अपनी 17 साल की बेटी के साथ एक मैरिज होम से दावत खाकर लौट रही थीं। उनकी बेटी पीछे चल रही थी, तभी आरोपी युवक बादल (पुत्र मुकेश) अपने तीन अन्य साथियों के साथ खेत में छिपा बैठा था। आरोप है कि उन्होंने उनकी बेटी को खेत में खींच लिया और बारी-बारी से चार लोगों ने गैंगरेप किया।
शिकायत करने पर आरोपी उन्हें तेजाब डालने और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। पीड़िता की मां का आरोप है कि इसके बावजूद पुलिस ने उनकी शिकायत पर न तो केस दर्ज किया है और न ही बेटी का मेडिकल चेकअप कराया है।
पुलिस पर गंभीर आरोप: बयान नहीं लिखे, पैसे लिए, और धमकाया
पीड़िता की मां ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि जब वह थाने पहुंचीं तो उनकी एप्लीकेशन थाने बैठे एक व्यक्ति ने लिखी थी, लेकिन घटनाक्रम को लेकर उन्होंने जो बयान दिए, वह नहीं लिखे गए। प्रार्थना पत्र लिखने के लिए उनसे ₹100 भी लिए गए। इसके बाद भी पुलिस ने उनकी बेटी का मेडिकल परीक्षण नहीं कराया और न ही उसके बयान दर्ज किए। थाने से उन्हें वापस लौटा दिया गया।
मां ने यह भी आरोप लगाया कि थाने से लौटने के बाद आरोपी युवक बादल ने उन्हें दोबारा धमकाया और कहा कि अगर शिकायत की तो बेटी पर तेजाब फेंक देंगे और परिवारवालों को जान से मार देंगे। इस धमकी की जानकारी भी पुलिस को दी गई, लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया।
डीसीपी ने दिए जांच के निर्देश, थाना प्रभारी ने किया इनकार
कई महीनों तक थाने और चौकी के चक्कर काटने के बाद, पीड़ित परिवार ने गुरुवार को डीसीपी पश्चिमी अतुल शर्मा से न्याय की गुहार लगाई है। डीसीपी वेस्ट अतुल शर्मा का कहना है कि उन्होंने मामले की जांच के लिए निर्देशित किया है।
हालांकि, इस मामले में थाना मलपुरा प्रभारी निरीक्षक पवन कुमार सैनी ने रेप की घटना से इनकार किया है। उनका कहना है कि यह केवल एक वाद-विवाद का मामला था और दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से समझौता कर लिया है। उनके पास समझौते का कागज भी है। उन्होंने यह भी कहा कि किशोरी घटनास्थल की भी जानकारी नहीं दे सकी थी।
अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाएगा परिवार
पीड़िता की मां ने बताया कि पिछले 3 महीने से अधिक समय हो गया है, लेकिन उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। थाना पुलिस उन्हें चौकी जाने को कहती है, और चौकी से भी उन्हें भगा दिया जाता है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी सुनवाई नहीं हुई, तो वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाएंगी।