आगरा, उत्तर प्रदेश, तौहीद खान : आगरा में सामने आए अवैध धर्मांतरण मामले की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, विदेशों से हुई भारी फंडिंग के चलते ED जल्द ही इस मामले में अपना आधिकारिक दखल देगी। यह खुलासा हुआ है कि इस धर्मांतरण गैंग की गिरफ्तार सदस्य आयशा उर्फ एसबी कृष्णा को कनाडा का दाऊद अहमद फंडिंग कर रहा था।
अंतर्राष्ट्रीय कनेक्शन और ED की जाँच
इस मामले में अंतरराष्ट्रीय तार जुड़े होने के प्रमाण मिलने के बाद ED सक्रिय हो गई है। गिरफ्तार आरोपी अब्दुल रहमान, जिसे कल (21 जुलाई, 2025) नई दिल्ली से आगरा लाया गया था, उसका भतीजा लंदन, यूके में रहता है। जाँच एजेंसियां अब इस लंदन वाले एंगल को भी खंगाल रही हैं, जिससे इस धर्मांतरण रैकेट के विदेशी नेटवर्क की पूरी तस्वीर सामने आ सके।
ED फिलहाल आगरा पुलिस द्वारा दर्ज FIR का गहराई से अध्ययन करने में जुटी है, ताकि मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी फंडिंग के पहलुओं को समझा जा सके। यह माना जा रहा है कि धर्मांतरण के लिए मिलने वाले धन का बड़ा हिस्सा हवाला या अन्य अवैध माध्यमों से देश में लाया जा रहा था।
अब्दुल रहमान पर शिकंजा और कस्टडी रिमांड
दिल्ली से गिरफ्तार अब्दुल रहमान को आज सुबह दीवानी स्थित सीजेएम कोर्ट में कड़ी सुरक्षा के बीच पेश किया गया। पुलिस ने न्यायालय से आरोपी की 14 दिनों की कस्टडी रिमांड की मांग की है, ताकि उससे इस बड़े नेटवर्क के बारे में विस्तृत पूछताछ की जा सके। न्यायालय में फिलहाल कानूनी कार्रवाई चल रही है और परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
यह मामला तब सामने आया जब आगरा से दो बहनों के लापता होने की शिकायत दर्ज की गई, जिसकी जांच के दौरान एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश हुआ। इस रैकेट के तार कई राज्यों और विदेशों तक फैले होने की बात सामने आई है, जिसमें ‘लव जिहाद’ और ऑनलाइन कट्टरता जैसे हथकंडों का इस्तेमाल कर लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जा रहा था।