फर्जी नामांकन संख्या से लेकर समय पूर्व विद्यालय बंद करने को लेकर क्षेत्रवासी हुए मुखर
आगरा (किरावली)। ब्लॉक अछनेरा अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय नगला गढ़ीमा में प्रधानाध्यापक द्वारा काफी समय से विभागीय अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकी जा रही थी। विद्यालय को भ्रष्टाचार का अड्डा बना लिया गया था। जमकर मनमानी को अंजाम दिया जा रहा था।
बताया जाता है कि बीते दिनों बीईओ सौरभ कुमार के औचक निरीक्षण के दौरान विद्यालय समय पूर्व ही बंद मिला था। प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक ने मिलकर छात्रों को समय पूर्व ही घर भेज दिया, इसके बाद ताला डालकर नदारद हो गए। मौके पर स्थिति देखकर बीईओ का माथा ठनक गया।
बताया जा रहा है कि विद्यालय में प्रधानाध्यापक द्वारा किए जा रहे घपलों की फेहरिस्त लंबी है। विद्यालय में नामांकित लगभग 55 छात्रों के सापेक्ष कुल 10-15 छात्र ही प्रतिदिन पढ़ने आते हैं। इसके बावजूद प्रधानाध्यापक ने इससे आगे बढ़ते हुए कंपोजिट ग्रांट को खुर्द बुर्द करने के लिए 125 छात्रों की सूची भेजकर आधी कंपोजिट ग्रांट हासिल भी कर ली है। सरकारी धन को गबन की श्रेणी में यह बेहद ही गंभीर अपराध है। प्रधानाध्यापकों के कारनामों का भंडाफोड़ होने के बाद ब्लॉक क्षेत्र के विद्यालयों में तमाम तरह की चर्चाएं चल रही हैं।
फर्जी शिक्षकों की सूची में शामिल रहा था प्रधानाध्यापक
सूत्रों के अनुसार नगला गढ़ीमा का प्रधानाध्यापक विगत में फर्जी शिक्षकों की सूची में शामिल रहा है। सेवा से हटाया भी गया था। इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद प्रधानाध्यापक अन्य फर्जी शिक्षकों के साथ बहाल हुआ था। विभाग में रडार पर बैठे ऐसे शिक्षक रूपी प्रधानाध्यापकों की करतूतों से विभाग शर्मसार हो रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस की नीति को भी पलीता लग रहा है।
विद्यालय स्टाफ को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। समस्त बिंदुओं को दृष्टिगत रखकर जांच की जाएगी। इसके बाद आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
सौरभ कुमार-बीईओ, अछनेरा