Advertisement

Advertisements

Agra News : सत्ताधारी दल के पूर्व विधायक की सिफारिश को भी अछनेरा पुलिस ने कर दिया अनदेखा

Jagannath Prasad
3 Min Read

सुविधा शुल्क नहीं देने पर व्यापारी का 2 लाख का सड़ गया आलू

पीड़ित आलू व्यापारी लगातार पुलिस अधिकारियों से लगाता रहा गुहार

आगरा। थाना अछनेरा परिसर के बाहर खड़े जिस ट्रक को हटवाने हेतु बीते शुक्रवार को क्षेत्रवासियों ने तहसीलदार किरावली को ज्ञापन दिया था। उक्त प्रकरण में शनिवार को हुए खुलासों ने हड़कंप मचा दिया। अछनेरा थाना पुलिस द्वारा अपने निजी लाभ के लिए दिखाई गई संवेदनहीनता ने आलू व्यापारी के ₹2 लाख के आलू सड़वा दिए।

कमलानगर आगरा निवासी आलू व्यापारी संजीव गर्ग द्वारा अपर पुलिस आयुक्त को दी गई शिकायत में अछनेरा पुलिस की भूमिका पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। बताया जाता है कि बीते 9 सितम्बर को थाना अछनेरा क्षेत्र अंतर्गत दक्षिणी बाईपास पर आलू से भरे ट्रक का एक्सीडेंट, दूध से भरे टैंकर से हुआ था। अछनेरा पुलिस द्वारा आलू से भरे ट्रक को जब्त कर थाने पर खड़ा करवा दिया। ट्रक में भरे आलुओं के स्वामी व्यापारी संजीव गर्ग ने थाना पुलिस से आलुओं की पलटी करवाने की मांग की।

See also  उप्र पुलिस के पांच बड़े कारनामे जिसने खाकी को शर्मसार किया

संजीव गर्ग का आरोप है कि उसके द्वारा सुविधाशुल्क नहीं देने पर अछनेरा पुलिस ने ट्रक में से आलुओं को नहीं निकलवाने दिया। इसके बाद पुलिस के उच्चाधिकारियों से भी गुहार लगाई, लेकिन उनके दिशा निर्देशों की अछनेरा पुलिस ने पूरी तरह अवहेलना कर दी।

पूर्व विधायक की सिफारिश पर भड़क गई थाना पुलिस

आलू व्यापारी संजीव गर्ग द्वारा इस मामले में अपनी निजी संबंधों के बलबूते, सत्ताधारी दल के पूर्व विधायक एवं राज्यमंत्री से भी अछनेरा थाने पर फोन करवाया गया। राज्यमंत्री का फोन आते ही थाना पुलिस बुरी तरह भड़क गई, व्यापारी से साफ कह दिया कि कितनी भी नेतागिरी करवा लो, अब ट्रक में से आलू नहीं निकलने वाले। इसके बाद संजीव गर्ग को आलुओं से हाथ धोना पड़ा।

See also  पहली बार! यूपी की पहली महिला एसओजी तैयार, आगरा में बनी यूपी की स्पेशल टीम: अब अपराधी भी होंगे सतर्क, महिलाएं करेंगी चौकसी!

थाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

इस मामले में अछनेरा पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। कच्चा पदार्थ की श्रेणी में आने वाले आलू से भरा ट्रक पकड़े जाने के बाद उसको सुरक्षित स्थान पर नहीं रखवाया। जबकि जब्त किए गए माल को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है। उच्चाधिकारियों के संज्ञान में होने के बावजूद इस प्रकरण पर ध्यान देना जरूरी नहीं समझा गया। जिसका खामियाजा आलू व्यापारी को भुगतना पड़ा।

Advertisements

See also  नियमों को दरकिनार कर गलत तरीके से गौशाला निर्माण का आरोप
See also  झांसी में 'बिजली विभाग की भैंस 150 करोड़ का चारा खा गई'! जनता आक्रोशित, आंदोलन का तीसरा दिन गर्मागर्म रहा
Share This Article
1 Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement