दबंग पेट्रोल पंप संचालक का एक और अवैध कारनामा उजागर
सुप्रीम कोर्ट के पेड़ों को कटवाकर उनकी जगह आनन फानन में लगवाए नए पेड़
ट्रीगार्ड को पुतवाकर उन पर डलवाए नए नंबर
किरावली। ताज ट्रिपेजियम जोन (टीटीजेड) क्षेत्र में प्रदूषण को नियंत्रित रखने और हरियाली को बरकरार रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपनी निगरानी में वृहद पैमाने पर वृक्षारोपण कराया जाता है। इन वृक्षों की देखभाल के लिए वन विभाग से लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त लोगों और समितियों द्वारा अपनी रिपोर्ट से सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया जाता है।
आपको बता दें कि आगरा जयपुर हाइवे स्थित गांव विद्यापुर के खसरा संख्या 149 में हिंदुस्तान पेट्रोलियम द्वारा पेट्रोल पंप की स्वीकृति प्रदान की गई है। पेट्रोल पंप संचालक द्वारा विगत छह माह से इसका निर्माण किया जा रहा है। दबंग संचालक ने निर्माण में बाधा बन रहे सैकड़ों वृक्षों को अपनी दबंगई के दम पर बलि चढ़ा दिया। इस मामले ने जब तूल पकड़ा तो संचालक ने कथित रूप से वन विभाग के अधिकारियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को अपने प्रभाव में लेना शुरू कर दिया। इधर धड़ल्ले से वृक्षों पर आरी चलती रही, उधर संबंधित विभागों ने अपनी आंखें बंद कर ली। संचालक ने इसका जमकर फायदा उठाते हुए मौके से सैकड़ों पेड़ों को गायब कर दिया। इस मामले में शिकायतकर्ताओं ने मौका स्थल की गूगल मैपिंग करवाई तो पूरा भांडा फूट गया। 2021 से लेकर 2022 की गूगल मैपिंग में साफ तौर पर प्रत्येक तीन मीटर पर वृक्ष दिख रहे हैं, लेकिन इसके बाद की गूगल मैपिंग में वृक्षों की कतार गायब हो चुकी है।
हिंदुस्तान पेट्रोलियम के शपथपत्र की उड़ी धज्जियां
बताया जाता है कि हिंदुस्तान पेट्रोलियम द्वारा जब एनओसी ली जा रही थी, तब उसके द्वारा वन विभाग को शपथपत्र में साफ लिखा गया था कि मौके पर किसी प्रकार का वृक्ष पातन होगा। इसके बावजूद पेट्रोल पंप संचालक द्वारा अपने ही संस्थान की आंखों में धूल झोंककर धड़ाधड़ वृक्षपातन किया गया। हिंदुस्तान पेट्रोलियम द्वारा इसका संज्ञान लेना जरूरी नहीं समझा गया।
स्वीकृत नक्शे के विपरीत दूसरा मार्ग देने की हो रही कोशिश
इस मामले में एक और षणयंत्र की बू आ रही है। सूत्रों के अनुसार पेट्रोल पंप निर्माण के लिए जिस लेआउट पर स्वीकृति दी गई थी, अब उसका उल्लंघन कर कथित रूप से दूसरा लेआउट की स्वीकृति प्रदान करने की कोशिश की जा रही है। शिकायतकर्ता के अनुसार अभी और वृक्षों का कटान होना है, इसके लिए संचालक को लाभ पहुंचाने की कोशिश हो रही है।
इनका कहना है
प्रकरण का संज्ञान लिया जा रहा है। डीएफओ आगरा से इस संबंध में वार्ता की जाएगी। इसके बाद आगामी निर्णय लिया जाएगा।
विश्वनाथ शर्मा-पर्यावरण अधिकारी टीटीजेड