साईधाम कॉलोनी पूरी अवैध तो सड़क में ग़ड्डा कर ध्वस्तीकरण का ढिडौरा क्यों?
समाचारपत्रों को गुमराह कर रहा एडीए, खानापूर्ति को बताया जा रहा ध्वस्तीकरण
समाचारपत्रों को गुमराह कर रहा एडीए, खानापूर्ति को बताया जा रहा ध्वस्तीकरण
एमडी खान
आगरा। आगरा विकास प्राधीकरण (एडीए) शहर में अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई कर वाहवाही लूट रहा है, जबकि उसके पीछे की सच्चाई कुछ और ही दांस्ता बंया कर रही है। प्रत्येक दिन एडीए की कार्रवाई समाचारपत्रों की सुर्खियों बनी हुई हैं। अधिकारी बुल्डोजर के सामने खड़े होकर तस्वीरें खिचवा रहे हैं। वह जो भेज रहे हैं, वहीं अखबार प्रकाशित कर रहे हैं। इस पूरी सच्चाई की तस्दीक करने के लिए ‘अग्र भारत’ की टीम ने मौके पर जाकर पड़ताल की। जिन स्थानों पर ध्वस्तीकरण बताया गया। उनमें से एक जगह सिकंदरा कैलाश मोड़ से अंदर वाटरवर्क्स से लगी साईधाम कॉलोनी का रियलटी चेक किया। एडीए अधिकारियों से इस संबंध में बात की गई, तो सचिव गरिमा सिंह और प्रवर्तन प्रभारी सहायक अभियंता बीएन सिंह संतोषजनक जबाव नहीं दे सके। जानकारों की माने, तो कोई निर्माण अवैध है, तो ध्वस्तीकरण का मतलब नोयडा में द्विवन टॉवर पर हुई कार्रवाई थी। विभाग का इस तरह की कार्रवाई करना संदेश के घेरे में है।
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आगरा विकास प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक विभाग से प्रवर्तन प्रभारी आरपी सिंह, सहायक अभियंता वीएन सिंह, मनोज राठौर के सामने सिकंदरा कैलाश मोड़ वाटरवर्क्स के पीछे मंगलवार को अवैध कॉलोनी सांईधाम में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की थी। सोमवार को बीएम विराट रेजीडेंसी कॉलोनी पर बुल्डोजर चलवाया। ADA अधिकारी कहते हैं कि चहारदीवारी, एक अर्द्धनिर्मित में बन रही कालोनी का भवन व सड़कों का नक्शा पास नहीं था। उन्हे ध्वस्त कर दिया गया। इसका असली सच जानने के लिए सांईधाम कॉलोनी में जाकर देखा। मुख्य मार्ग से करीब दो किमी दूर बनी कॉलोनी का प्रवेश द्वार भव्य बना हुआ है। जमीन कृषि की नहीं हैं। जमीन स्वामी ने कॉलोनी बनाने के लिए आबादी में पास कराई हुई है। कॉलोनी की चारों तरफ से बाउंड्री हो रही है। जमीन के बराबर से गुजर रहे नाले को भी बाउंड्री के अंदर ले लिया है। तीन से चार मकान बने हुए हैं। दो मकानों पर लोग रह भी रहे हैं। दो मकान अधबने हैं। कॉलोनी के मुख्य द्वार के ऊपर ही कॉलोनाइजर ने अपना भव्य, विशाल ऑफिस बनाया हुआ है। कॉलोनी की देखरेख के लिए चौकीदार भी है।
कार्रवाई हुई या नाटक
सांईधाम कॉलोनी के आसपास और अंदर रहने वालों ने बताया कि कुछ दिन पहले बुल्डोजर के साथ कई लोग आये थे। उन्होंने बताया था कि वह एडीए अधिकारी हैं। यह कॉलोनी पूरी तरह से अवैध बनी हुई है। कॉलोनी बनाने से पहले एडीए से नक्शा पास नहीं कराया गया है। बुल्डोजर कॉलोनी की बीच सड़क पर लगाया। पांच फुट लंबा, दो फुट चौड़ा एक फुट गहरा गड्डा खोद दिया। जबकि कॉलोनी में दो अधबने मकान थे। उनको तोड़ा जा सकता था। मुख्य द्वारा को ध्वस्त नहीं किया गया। यह फोटो एक समाचारपत्र में प्रकाशित भी हुई। शनिवार को मौके पर जेसीबी से खोदी गये सड़क में गड्डे को भर दिया है। लोगों का कहना है कि आगरा की मिठाई और जूते के डिब्बे बहुत प्रसिद्ध हैं। बड़े से बड़े बिगड़े काम आसानी से हो जाते हैं।
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ये है नक्शा पास कराने की प्रक्रिया
जानकारों के अनुसार कॉलोनी बनाने के लिए जमीन को सबसे पहले कृषि से आबादी (143) में कराना होता है। जमीन का खसरा, खतौनी और बैनामा हो और मास्टर प्लान (शहरीकरण) के तहत होनी चाहिए। विभाग को डवलप चार्ज देना होता है। प्लाट या कॉलोनी एरिया का 30 से 35 प्रतिशत खाली छोड़ना होता है। कॉलोनी में बतौर उदाहरण एक बीघा में 2756 गज होते हैं। नक्शा पास कराया तो 1617 गज जमीन रह जाती है। शेष जमीन में सड़क, पार्क, पानी टंकी, जिम आदि के लिए जगह छोड़नी होती है। इस प्रक्रिया में समय लगता है। इसलिए बिल्डर सिर्फ 143 कराकर कॉलोनी में प्लॉट बेचकर निकल जाते हैं। कई लोग तो ऐसे हैं, जिन्होंने कृषि की जमीन पर ही कॉलोनी बनाकर बेच दी हैं।
यहां की हकीकत सब जानते हैं?
एडीए ने अवैध कॉलोनियों के ध्वस्तीकरण अभियान में बृहस्पतिवार को ब्रजधाम आशियाना के नाम से 7000 वर्ग मीटर क्षेत्र में अवैध कॉलोनी बनाई जा रही थी। इसके पास ही ज्ञानेश, चांद ने 8000 वर्ग मीटर क्षेत्र में अवैध रूप से त्रिपुति धाम बसाया है। एडीए ने दोनों कॉलोनियों के गेट, बुकिंग कक्ष व सड़क को ध्वस्त कर दिया। जबकि मौके पर मामला उलट है। ज्ञानेश की अवैध कॉलोनी के गेट जैसे थे वैसे ही बने हुए हैं। ब्रजधाम अवैध कॉलोनी पर बुल्डोजर ने आॅफिस आदि को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया।
इनसे पूछा ध्वस्तीकरण क्या है?
प्रवर्तन सहायक अभियंता वीएन सिंह बोले कि सड़क तोड़ दी है। बाउंड्रीवाल गिरा दी है। कॉलोनी बिना नक्शा पास कराये बनाई है। जब हमने उनसे कहा कि कॉलोनी में तो मकान भी बने हैं? क्या वह भी तोड़े है? बाउंड्रीबाल तो जैसी थी वैसी ही है। सड़क भी सही सलामत है। इतना सुनते ही वह लड़खड़ाती आवाज में बोले सचिव मैडम के पास बैठा हूं और फोन काट दिया।
सचिव गरिमा सिंह ने बताया कि सांईधाम कॉलोनी में जो मकान बने हुए हैं। उनमें रिहाइश हो रही है। उनको चौदह दिन का नोटिस दिया है। उसके बाद कार्रवाई होगी। कॉलोनी के मुख्य द्वार और बाउंड्री के सवाल पर सचिव गरिमा सिंह गोलमोल जबाव दे गर्इं। बतादें कि गरिमा सिंह एडीए में ही पूर्व में ओएसडी पद पर रह चुकी हैं।
ध्वस्तीकरण का अर्थ होता है अनलीगल निर्माण को डेमोलिशन कर देना। हालांकि कई मामलों में देखा जाता है कि भवन स्वामी ने एक मंजिल बनाने का विभाग से नक्शा पास कराया है, दूसरी मंजिल ऐसी ही बना ली है, तो पहली मंजिल को छोड़कर दूसरे माले को अवैध निर्माण मानकर संबंधित विभाग तोड़ सकता है।
डॉ. सुरेन्द्र गुप्ता- वरिष्ठ अधिवक्ता