Agra News: अवैध धंधा… दवा माफिया मोहित बंसल की पैरवी में लगे हैं चौंसर बंधु

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पीपल मंडी के दो सगे भाई 12 साल पहले करते थे मुबारक महल में नौकरी

बंसल की गिरफ्तारी के बाद रात में घर के बाहर ताला डालकर रहते हैं अंदर

 

एमडी खान

आगरा। चार साल की बात करें तो, फुब्बारा दवा बाजार सुर्खियों में है। यहां आये दिन पश्चिम बंगाल, दिल्ली, पंजाब और हिमाचल की पुलिस दबिश देने आती रहीं हैं। कई बड़े-बड़े नामचीन दवा कारोबारी जेल के सलाखों के पीछे गये हैं। शनिवार को बंगाल पुलिस जयपुर हाउस के देवेंद्र आहूजा को नशीली दवा के मामले में गिरफ्तार करके ले गई हैं। कमला नगर के मोहित बंसल को हिमाचल पुलिस ने नकली दवा के मामले में हिरासत में लिया था। उसे दो दिन पहले फुब्बारा दवा बाजार में लेकर आई थी। उसके साथियों और दवा गोदाम के बारे में पूछताछ की गई। उसके बाद हिमाचल पुलिस मोहित बंसल को चंडीगढ़ लेकर गई है। उसकी पैरवी में पीपलमंडी के दो चौंसर भाई लगे हुए हैं। छोटा भाई हाल में बंसल के पीछे-पीछे गया है। उसके मोबाइल की लोकेशन निकाली जाये तो चंडीगढ़ मिलेगी। दोनों भाई कुछ साल पहले दुकान में नौकरी करते थे। मोहित बंसल के साथ रहकर रातों-रात करोड़ों में खेल रहे हैं।

गौरतलब है कि कमला नगर रामकुंज गली निवासी मोहित बंसल हिमाचल प्रदेश के बद्दी में पकड़ा गया था। अपनी फर्म एमएच फार्मा फव्वारा से 11 राज्यों में नकली दवाओं की सप्लाई कर रहा था। बंसल ने बद्दी में फैक्ट्री और गोदाम बना रखा था। वह कार से दवाएं आगरा लेकर आता था। एमएच फार्मा के नाम से बिल बनाकर कंपनियों की नकली दवा सप्लाई करता था। मोहित बंसल के साथ ही फव्वारा दवा बाजार के दवा कारोबारी और हाकर भी शामिल हैं। इसमें दो सगे भाई पीपलमंडी के हैं। मामले में औषधि विभाग की टीम अपने स्तर से कोई जांच नहीं कर रही है। बड़ा भाई पीपलमंडी के ही दवा माफिया हरि गुप्ता के यहां काम करते थे। गुप्ता नकली दवा के मामले में पकड़ा गया था। वह काम बंद करके कमला नगर क्षेत्र में पलायन कर गया। उसका पूरा काम दोनों चौंसर भाइयों ने संभाल लिया। गुप्ता के पूरे ग्राहक इनके पास आ गये। इनके पिता सरकारी कर्मचारी थे। दोनों शादी-शुदा हैं। मामूली नौकरी करने वाले चौंसर बंधु ने मुबारक महल में दुकान ले रखी है। मोहित बंसल की गिरफ्तारी के बाद पूरा परिवार सदमे में है। जोड़ी में से एक उसकी पैरवी के लिए चंडीगढ़ तक चक्कर काट रहा है। पीपलमंडी में मंदिर के पीछे गली में रहने वाले दोनों भाइयों का परिवार दो दिन से कैद है। उन्हे डर कि पुलिस इनके घर दबिश देने आ सकती है।

बंसल के गोदाम से मिली करोड़ से अधिक की दवाएं
बद्दी में मोहित बंसल के गोदाम से भारी मात्रा दवाएं जब्त की गईं, इनकी गिनती करने को आधा दर्जन से ज्यादा औषधि निरीक्षक जुटे रहे। प्रदेश दवा नियंत्रक नवनीत मरवाहा ने बताया कि एक करोड़ से अधिक की दवाईयां बरामद हुई हैं। जहां दवाएं बनाई जा रही थी, उस फैक्ट्री को सील कर दिया है।
रिमांड पर मोहित बसंल ने औषधि विभाग व पुलिस को बताया कि बद्दी में बंद पड़ी फैक्ट्री को किसी से खरीदा था और जिला उद्योग केंद्र से अपने नाम करवा लिया था। दवा निर्माण की मशीनों की खरीद फरोख्त का काम शुरू किया। पांच महीने पहले मोटी कमाई करने के लिए उसने सिपला, यूएसवी व अन्य कपंनियों की दवाएं बनाना शुरू किया। कच्चा माल और पैकिंग उत्तराखंड से खरीदता था।

अरोरा बंधुओं पर हुई थी कार्रवाई
वर्ष 2020 में थाना न्यू आगरा, कमला नगर के तेजनगर निवासी जितेन्द्र उर्फ विक्की अरोड़ा व कपिल अरोड़ा दोनों सगे भाई हैं। जर्निक दवा का यूपी में टॉप नंबर पर काम है। दोनों भाई इस धंधे से वर्ष 2012 में जुड़े थे। विक्की की शुरूआत में कोतवाली के फुब्बारा स्थित जैन मार्केट में छोटी सी दुकान थी। इसकी फर्म का नाम श्री कृष्ण फार्माक्टिकल था। यहां से दोनों ने जर्निक की दवाओं का काम शुरू किया था। कपिल को पैसों की भूख थी। वह बहुत जल्द करोड़ों नहीं अरबों में खेलने के सपने देखता। वह अपने सपने पूरे करने के लिए कुछ भी कर गुजरने की बातें करता। छोटे भाई कपिल ने विक्की को दर्द की दवाओं का इस्तेमाल नशे में होने की बात की जानकारी दी। कपिल ने दवाओं को विदेश भेजने की जुगाड़ तलाश कर ली। कपिल ने खुद का ठिकाना गुजरात के शहर अहमदाबाद को बनाया। विक्की आगरा से कोरियर के जरिये नशे की गोलियों का पाउडर बनाकर अहमदाबाद भेज देता। वहां से कपिल फ्लाइट के जरिये पाउडर को अमेरिका, फ्रांस, लंदन आदि भेज देता।

दवा माफियाओं पर लगाम कसेगी एसटीएफ
आगरा केमिस्ट एसोसिएशन का कहना है कि शहर में नकली और नशे की दवाओं की कालाबाजारी हो रही है। औषधि विभाग इस पर अंकुश लगाने में नाकाम है। दूसरे राज्यों में आगरा के दवा माफिया पकड़ में आ रहे हैं, लेकिन यहां कोई भी रैकेट पकड़ा नहीं गया। इससे विभागीय सांठगांठ की आशंका है। मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर एसटीएफ से जांच कराने की मांग करेंगे। लखनऊ स्तर के एसटीएफ अधिकारी से बात हुई, तो उन्होंने बताया कि पूर्व में भी एसटीएफ दवा माफियाओं पर शिकंजा कस चुकी है। शासन इसकी जिम्मेदारी देगा तो औषधि विभाग से संयुक्त कार्रवाई कर अभियान चलाया जायेगा।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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