आगरा। भारत में कुल आबादी में 2.1 प्रतिशत दिव्यांग वर्ग निवास करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्देश्य है कि भारत के प्रत्येक वर्ग को सशक्त बनाया जाए। इसी क्रम में वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री के बहुचर्चित कार्यक्रम मन की बात के प्रसारण के दौरान विकलांग के स्थान पर दिव्यांग करके समुचित वर्ग को गौरवान्वित किया। उसी परिप्रेक्ष्य में आगरा स्थित लंगड़े की चौकी के स्थान पर दिव्यांगजन चौकी करने के लिए दिव्यांग द्वारा काफ़ी लम्बे समय से मांग की जा रही है, इस विषय को लेकर काफी समय से रामेश्वर बघेल की अगुवाई में मुहिम चलाई जा रही है। जिस पर आज तक कोई प्रभावी कार्यवाही अमल में नही लाई गई है। जबकि दिव्यांगजन हर क्षेत्र में भारत का मान सम्मान बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहते हैं।
वर्ष 2021 में हुए अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग खेल स्पर्धा (पैराओलंपिक) में 5 स्वर्ण, 8 रजत व 6 कांस्य पदक जीतकर स्वर्णिम इतिहास लिखा व हाल ही में उत्तर प्रदेश संघ लोक सेवा आयोग में प्रतिभागी मैनपुरी (कुरावली) निवासी सूरज तिवारी (दिव्यांग) ने समस्त वर्ग की उपस्थिति दर्ज कराते हुए 917 रैंक हासिल की, वहीं शिक्षा के क्षेत्र में 45 प्रतिशत दिव्यांगजन आबादी अशिक्षित प्रदर्शित होती है, हर वर्ष 28 प्रतिशत दिव्यांगजन मूलभूत सुविधाओं के अभाव में विद्यालय छोड़ जाते हैं।
वैश्विक स्तर पर आगरा शहर पर्यटन में महत्वपूर्ण वरीयता रखता है, उसी क्रम में विश्व की प्रेम प्रतीक इमारत ताजमहल के कुछ ही दूरी पर ही स्थित एक स्थान को जब विवादित लंगड़े की चौकी शब्द से सम्बोधित किया जाता है तो विश्व भर से आए पर्यटक दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर हो जाते हैं और हमारे वसुधैव कुटुम्बकम को पलीता लगाते नज़र आते हैं एवं प्रधानमंत्री मोदी जी के दिव्यांगजन के सपने को धूमिल करते हुए प्रतीत होते हैं। पुनः समस्त दिव्यांगजन वर्ग की ओर से सूबे के मुख्यमंत्री व स्थानीय प्रशासन से संज्ञान लेते हुए विवादित लंगड़े की चौकी के स्थान पर दिव्यांगजन चौकी किए जाने हेतु विशेष आग्रह करते हैं।