Agra News : पेड़ कटने से डीएफओ नकार रहे और उच्चाधिकारी स्वीकार रहे

Dharmender Singh Malik
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  • अपर प्रधान वन संरक्षक और डीएफओ की बातों में दिखा विरोधाभास
  • जांच रिपोर्ट में लीपापोती का पैदा होने लगा खतरा

आगरा (किरावली)। ताज ट्रिपेजियम जोन (टीटीजेड) क्षेत्र में संरक्षित वन भूमि से छेड़छाड़ और सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक दशक पूर्व लगवाए गए पेड़ों के कटान के प्रकरण में विभागीय अधिकारी लगातार पेट्रोल पंप संचालक के बचाव में दिख रहे हैं।

शिकायतकर्ता द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण बिंदुओं को सामने आने पर अपनी गर्दन फंसने का डर देखकर विभागीय अधिकारी लगातार जांच रिपोर्ट आने की आड़ में बात करने से भी कतराने लगे हैं।

आपको बता दें कि गाटा संख्या 149 में हुआ पेड़ों का कटान किसी से छिपा नहीं है। मौके पर स्थिति देखकर कोई भी बता सकता है कि अंधाधुंध तरीके से पेट्रोल पंप संचालक द्वारा पेड़ों का कटान और संरक्षित वन भूमि पर नियमों का पूरी तरह उल्लंघन किया गया है।

सारे मानक ताक पर रखकर अपनी दबंगई से पेट्रोल पंप का निर्माण कार्य चल रहा है। गूगल इमेज से लेकर ड्रोन मैपिंग तक में पेड़ों का कटान साफ दिख रहा है, लेकिन वन विभाग के जनपद के अधिकारियों की नजर में कोई कटान नहीं हुआ है। दबंग पेट्रोल पंप संचालक द्वारा पेड़ों का कटान करवाकर उनकी जगह नए पेड़ लगवा दिए गए, ट्रीगार्ड को पुतवाकर उन पर नए नंबर डाल दिए गए, इन सबके बावजूद विभागीय अधिकारी आंखें मूंदे रहे।

विभागीय अधिकारियों की बातों में दिखने लगा विरोधाभास

इस मामले में अपर प्रधान वन संरक्षक इंदु शर्मा से वार्ता करने पर उनके द्वारा बताया गया कि मौके पर कुछ पेड़ों का कटान हुआ है। प्रकरण की जांच चल रही है। जांच रिपोर्ट आने पर आगामी निर्णय लिया जाएगा।

उधर डीएफओ आदर्श कुमार ने इस मामले में उल्टी गंगा बहाने की कोशिश शुरू कर दी। उनका साफ कहना था कि मौके पर कोई पेड़ कटान नहीं हुआ है। सिर्फ ट्रीगार्ड को कुछ नुकसान हुआ था, जिसका जुर्माना वसूला गया था। जांच रिपोर्ट मांगी जा रही है। सवाल अनुत्तरित है कि जब उच्चाधिकारी स्वीकार रहे हैं तो उनके ही अधीनस्थ किस आधार पर पेड़ कटने से इंकार कर रहे हैं।

शिकायतकर्ता के अनुसार यह सब अपनी गर्दन बचाने और दबंग पेट्रोल पंप संचालक को बचाने के लिए किया जा रहा है।

डीएफओ बता रहे हैं कि निर्माण कार्य पर रोक लगवा दी गई है, जबकि डंके की चोट पर धड़ल्ले से निर्माण कार्य चल रहा है। संरक्षित वन भूमि पर अवैध तरीके से पुलिया का आकार अपनी सुविधानुसार बढ़ाया जा रहा है।

 

 

 

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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