अनदेखी: सुधा प्रॉपर्टी पर 21 जुलाई को दिखावे को हुई थी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई
प्रर्वतन टीम अधिकारियों को गुमराह कर, गिफ्ट में ले रही मिठाई का डिब्बा
एमडी खान
आगरा। मुख्यमंत्री के आदेश पर एडीए ने अवैध कॉलोनियों के विरुद्ध ध्वस्तीकरण अभियान शुरू किया है। उसी के तहत आगरा विकास प्राधिकरण की टीम ने चार माह पूर्व जलेसर रोड पर सुधा रेजीडेंसी कॉलोनी पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। कार्रवाई में प्रवर्तन प्रभारी सहित आधा दर्जन कर्मचारियों थे। उनके बताये अनुसार प्रमुख अखबारों में समाचार पर प्रकाशित हुए। कॉलोनी बिना मानचित्र स्वीकृत के बनाई गई ऐसा अधिकारियों ने बताया। तीस नवंबर तक की बात करें, तो सुधा कॉलोनी जैसे बनी थी, वैसी ही सीना तानकर खड़ी है। अधिकारियों और सच दिखाने की दम भरने वाले कलमकारों ने भी आंख बंद करके प्रवर्तन टीम ने जो कहा वह छाप दिया। आपका अखबार दैनिक अग्र भारत ने इस संबंध में एडीए सचिव और कॉलोनी के मालिक राकेश बघेल से संपर्क किया, लेकिन उनके मोबाइल रिसीव नहीं हुए। पूर्व में भी अधिकारियों ने कार्रवाई को लेकर कोई संतोषजनक जबाव नहीं दिये हैं।
प्रमुख मार्ग पर बनी है सुधा प्रॉपटी कॉलोनी
जलेसर रोड पर दर्जनों नये-नये प्रॉपर्टी डीलर बन गये हैं। नगला चंदन तक नगर निगम की सीमा आती है। टेड़ी बगिया से एटा तक डबल चैनल रोड स्वीकृत होने के बाद से जमीनों की कीमत में उछाल आया है। कोलोनाइजर कृषि भूमि को खरीदकर बाउंड्री खड़ी करके प्लाट बेच रहे हैं। वहां कई तो ऐसे हैं जिन्होंने कृषि भूमि को आबादी (143) में तब्दील नहीं कराया है। एडीए ने वहां भी ध्वस्तीकरण के नाम पर खानापूर्ति की थी। उनमें से जलेसर रोड पर चर्चित प्रॉपर्टी डीलर राकेश बघेल ने अनगिनत अवैध कॉलोनी बना दी हैं। वह एडीए टीम की निगाह में थे। प्रवर्तन प्रभारी सुशीला अग्रवाल ने सहायक अभियंता सतीश कुमार, अवर अभियंता मनोज मिश्रा और सचल दल के साथ 22 जुलाई को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की थी। दूसरे दिन पूरी कार्रवाई अखबारों की सुर्खियां बनी और अधिकारियों ने वाहवाही लूटी। जबकि सच ये है कि छत्ता वार्ड के जलेसर रोड पर राकेश बघेल करीब 3500 वर्गगज भूमि पर कालोनी का निर्माण आज भी बदस्तूर जारी है। इसका एडीए से मानचित्र स्वीकृत नहीं कराया गया है। ध्वस्तीकरण के नाम पर महज सड़क में गड्डे करके छोड़ दिये थे।
ये भी बना रहे कॉलोनी
राकेश बघेल सुधा प्रापर्टीज नाम से काम कर रहे हैं। उन्होंने मुख्य मार्ग पर ही अपनी कॉलोनी के गेट पर आलीशान आॅफिस बनाया है। श्री राम प्रोपर्टीज देवकी कुंज बना रहे हैं। हर्ष प्रापर्टीज गांव बास इंदा के पास नई आबादी विकसित कर रहे हैं। श्री बांके बिहारी प्रापर्टी लिंकर्स लव सिटी बना रहे हैं। खुशी प्रापर्टी, चंद्रवाली आदि ऐसे हैं, जो गैर मानक कॉलोनी बनाकर बेच रहे हैं। फतेहपुरसीकरी रोड पर पथौली से लेकर मिढाकुर तक पैर रखने को खाली जमीन नहीं मिलेगी। वहां एक सत्ताधारी के सहयोग से तमाम छुट्ट भय्ये नेता करोड़ों में खेल रहे हैं। बिचपुरी रोड पर जमीन नहीं बची है। वहां भी एडीए आंख बंद करके बैठा है, हालांकि चौहटना के पास दो कार्रवाई हुई हैं। जिसमें आशियाना के बराबर वाली कॉलोनी में पुराना आॅफिस तोड़कर वाहवाही लूट ली।
फील्ड कर्मियों पर मिलीभगत के आरोप
एडीए सचिव गरिमा सिंह खुद मानती हैं कि जलेसर रोड, फतेहपुर सीकरी, बिचपुरी, रुनकता, शमसाबाद रोड, ग्वालियर रोड और कालिंदी विहार तक अवैध कॉलोनियां बनी हुई हैं। उनकों चिहिन्त कर सभी को ध्वस्त किया जाएगा। शहर में 254 से अधिक कॉलोनियां अवैध घोषित हैं। सबसे बड़ा सवाल कि क्या इन 254 अवैध कॉलोनियों को एडीए जमीदोज करेगा? इसकी आड़ में एडीए के कर्मचारी कमाई का जरिया बनाये हुए हैं। कानून के जानकारों की बात करें, तो उनका कहना है कि कॉलोनी बनते ही प्रवर्तन टीम को रोक लगानी चाहिए, लेकिन वह ऐसा नहीं करते हैं। वह अपनी जेब गर्म कर अवैध निर्माण होने देते हैं।