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Agra News : संरक्षित वन भूमि पर अवैध खनन से लेकर हुआ पेड़ों का जमकर कटान, काटे हुए पेड़ों को झाड़ी बताकर कर दिया गया चालान

Dharmender Singh Malik
3 Min Read
  • सुप्रीम कोर्ट की कमेटी को सूचना देने की नहीं समझी जरूरत

किरावली। आम तौर पर एक पेड़ को अवरोधक बनने पर उसको नियमों के मुताबिक कटवाने के लिए एक आम नागरिक की चप्पलें घिस जाती हैं, अधिकारियों के चक्कर लगाकर वह थक जाता है, इसके बावजूद उसको मंजूरी नहीं मिल पाती।
आपको बता दें कि ठीक इसके उलट किरावली तहसील क्षेत्र में हो रहा है। दबंग पेट्रोल पंप संचालक द्वारा पेट्रोल पंप निर्माण के नाम पर अंधाधुंध तरीके से पेड़ों का कटान कर दिया, मौके पर संरक्षित वन भूमि पर अवैध खनन हुआ, संरक्षित वन भूमि को मिट्टी डालकर पाट दिया गया, इसके बावजूद वन विभाग से लेकर प्रशासनिक अधिकारी खामोश बने रहे।

बताया जाता है कि यह सारा खेल आगरा जयपुर हाइवे स्थित गांव विद्यापुर के समीप गाटा संख्या 149 में हुआ। इस गाटा संख्या की भूमि पर पेट्रोल पंप निर्माण हेतु प्राप्त की गई एनओसी में स्पष्ट उल्लेखित था कि एनओसी की शर्तों का पूरी तरह पालन करना होगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगवाए गए किसी भी पेड़ और संरक्षित वन भूमि से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। लेकिन पेट्रोल पंप संचालक ने कथित मिलीभगत से सारे नियमों को ताक पर रख दिया। प्रत्येक 3 मीटर की परिधि में लगाए गए पेड़ों पर आरी चलवाकर उन्हें कटवा दिया गया, अपनी करतूत छिपाने के लिए मौके पर नवीन पेड़ लगवा दिए गए। इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंकित करवाए गए पेड़ों के नंबर अभी तक पूरे नहीं हो रहे हैं।

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नियमानुसार संरक्षित वन भूमि पर कोई भी निर्माण या उसका रूप परिवर्तन करना अनाधिकृत होता है, यहां भी जमकर खेल हुआ। अवैध मिट्टी खनन हुआ और संरक्षित वन भूमि को मिट्टी से पाट दिया गया। जीतने पेड़ काटे गए, उसकी सूचना सीईसी को देने की जरूरत नहीं समझी गई। वन विभाग द्वारा पेड़ों को झाड़ी बताकर मामूली चालान कर दिया गया। इस भूमि पर किए गए सारे अवैध कार्यों की पुष्टि गूगल मैपिंग से लिए गए छायाचित्रों से हो रही है। पुरानी गूगल मैपिंग में साफ दिख रहा है कि दोनों तरफ से पेड़ों की लाइन बनी हुई है, जबकि हालिया गूगल मैपिंग में पेड़ों की लाइन गायब है।

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मेरठ में रुका था भुगतान

सूत्रों के अनुसार जिस व्यक्ति द्वारा पेट्रोल पंप का निर्माण किया जा रहा है, उसके कारनामे शुरू से विवादित रहे हैं। इस व्यक्ति द्वारा अपनी फर्म के माध्यम से मेरठ में वन विभाग के अधीन कार्य किया गया था, यह कार्य बेहद ही निम्न स्तर का था। एक ईमानदार अधिकारी द्वारा इस व्यक्ति का भुगतान लंबित कर दिया गया था। इसी व्यक्ति ने अपनी सांठगांठ से किरावली क्षेत्र में अनाधिकृत तरीके से पेट्रोल पंप निर्माण की एनओसी हासिल कर ली।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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