आगरा के संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा पर रिश्वत लेने के आरोप में विजिलेंस द्वारा की गई कार्रवाई अब एक नए मोड़ पर पहुंच गई है। शासन ने इस मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी है। विजिलेंस ने आरपी शर्मा को 17 अगस्त को रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। लेकिन इस मामले में कई सवाल उठ रहे थे। शासन ने इन सवालों के जवाब पाने के लिए उच्च स्तरीय जांच बैठा दी। इस जांच में पाया गया कि विजिलेंस ने शायद इस मामले में कुछ गड़बड़ की है।
आगरा। संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा को रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। इस मामले की जांच अब सीबीसीआईडी (क्राइम ब्रांच क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट) को सौंप दी गई है।
मामला यह है कि डीसी वैदिक इंटर कॉलेज में एक शिक्षक की नियुक्ति को लेकर आरपी शर्मा पर 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगा था। शिक्षक ने आरोप लगाया था कि शर्मा ने जांच पक्ष में निस्तारण के लिए यह रिश्वत मांगी थी। विजिलेंस ने इस मामले में 17 अगस्त को शर्मा को तीन लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था।
हालांकि, इस मामले में कई सवाल उठ रहे थे। ऐसे में शासन ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए। जांच में पाया गया कि विजिलेंस विभाग द्वारा की गई जांच में कुछ गड़बड़ियां हो सकती हैं। इसीलिए, शासन ने इस मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंपने का फैसला किया है।
सीबीसीआईडी एक स्वतंत्र एजेंसी है और वह इस मामले की निष्पक्ष जांच करेगी। सीबीसीआईडी न केवल शर्मा पर लगे आरोपों की बल्कि इस मामले में शामिल अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करेगी।
इस मामले में एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम यह है कि विजिलेंस विभाग के एसपी शगुन गौतम का तबादला कर दिया गया है। इसके अलावा, विजिलेंस विभाग में तैनात अन्य अधिकारियों का भी तबादला किया गया है।