आगरा में राजस्व वसूली में गड़बड़ी की रिपोर्ट सामने आई है। तहसील सदर में उप्र भू संपदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) के 40 करोड़ रुपये के बकाया की वसूली नहीं की जा रही है। डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने मंगलवार को राजस्व वादों की समीक्षा की और अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित चार दर्जन राजस्व कर्मचारियों का वेतन रोकने का निर्देश दिया है।
आगरा।आगरा में तहसीलों में नियमों की अनदेखी और कार्रवाई की कमी देखने को मिल रही है। सभी तहसीलों में एसडीएम और तहसीलदार केवल औपचारिक बैठकों तक ही सीमित हैं। फाइलों का दाखिल दफ्तर समय पर नहीं किया जा रहा है, जबकि यह कार्य 30 दिनों के भीतर पूरा होना अनिवार्य है।
डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने मंगलवार को अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कार्रवाई की। तहसील बाह में एक साल से लंबित सबसे अधिक वादों का निस्तारण जल्दी करने के निर्देश दिए। उन्होंने राजस्व वसूली में लापरवाही पर नाराजगी व्यक्त की और लंबित मामलों को 30 सितंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, आय प्रमाण पत्र के 750 आवेदन, जाति प्रमाण पत्र के 48 आवेदन, और निवास प्रमाण पत्र के 50 आवेदन भी लंबित पाए गए हैं।
डीएम ने छह तहसीलों में दो हजार फाइलों के दाखिल दफ्तर न होने पर भी चिंता जताई। उन्होंने सभी एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार की कार्यशैली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उनके वेतन रोकने के आदेश दिए। साथ ही शिकायतों का निर्धारित समय पर निस्तारण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
बैठक के दौरान, डीएम ने राशन की दुकानों को मॉडल शॉप की तर्ज पर विकसित करने की बात की। उन्होंने ग्राम्य विकास विभाग की रिपोर्ट पर ध्यान देते हुए पीएम ग्रामीण आवास योजना में आय सीमा को 15 हजार रुपये तक बढ़ाने की बात कही। पौधों की निगरानी और समाज कल्याण विभाग के लंबित पेंशन मामलों के शीघ्र निस्तारण की भी निर्देश दिए। इस बैठक में सीडीओ प्रतिभा सिंह, एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला, और एसडीएम कृष्ण कुमार सिंह भी मौजूद थे।